April 16, 2024

अर्पिता ने नौवीं से ही पाला आईएएस बनने का सपना

जब से होश संभाला है तभी से सुनती आ रही थी कि डिफेन्स के लोग देश सेवा करते हैं मेरे पापा भी डिफेन्स की सेवाओं में जाना चाहते थे। लेकिन किसी कारणवंश नही जा पाए। परन्तु मैं पापा के सपने को पूरा करना चाहती हूं। मैं आईएएस बनना चाहती हूं। यह कहना है सरूरपुर स्थित माडर्न आर्या स्कूल की टॉपर छात्रा अर्पिता का। अर्पिता नौंवी क्लास से ही प्रत्येक अध्यापक और हर मिलने वाले अधिकारी से आईएएस करने के लिए जानकारी जुटाती आ रही है। अभी अर्पिता ने सीबीएसई से दसवीं में ही टॉप किया है।

अर्पिता ने एक साक्षात्कार में हमारे संवाददाता को बताया कि मुझे आईएएस करने की प्रेरणा देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी किरण बेदी से मिली। फिर एक दिन तिकोना पार्क के माता वैष्णव देवी मंदिर में फरीदाबाद के तत्कालीन एसीपी दर्शनलाल मलिक मिले, जिन्होंने मुझे आईएएस करने के लिए गाईड किया। अर्पिता ने कहा कि मैं आज दसवीं में टॉपर हूं तो उसके पिछे कई लोगों का हाथ है। सबसे पहले इसका श्रेय हमारे स्कूल के चेयरमैन प्रवेश मलिक को जाता है जिन्होंने हमारे साथ हर रोज सुबह बिना छुटटी किए पूरी साल पढ़ाने के लिए दिन-रात एक किया।

अर्पिता कहती है कि मेरी इस कामयाबी में सबसे बडे हिस्सेदार मेरे पापा के क6पनी मालिक लोहित कौशिक को भी मानती हूं, मैं उन्हें अपने माता-पिता से भी बढक़र मानती हूं। एक सवाल के जबाव में अर्पिता ने कहा कि जन्म, पालन-पोषण, माता-पिता जरूर करते हैं। लेकिन किसी के लिए करियर बनाने में मद्द करना और 3युचर में सहयोग करने की बात कहना, बहुत कम लोग कर पाते है।

अंत में अर्पिता ने अलाईव न्यूज के माध्यम से सभी युवाओं को संदेश दिया कि हर पढऩे वाला युवा अपनी मेहनत और ईमानदारी से कोई भी उपलब्धि हासिल कर सकता है, अगर वह पूरी निष्ठा से पढ़ाई करे। मैं युवाओं को हमेशा कहती हूं कि पढ़ो और आगे बढ़ो।