April 19, 2024

गुजरात में डॉक्टरों को मिला नया ब्लड ग्रुप, WHO ने किया सर्टिफाई

Surat/Alive News : सूरत में एक युवक का ब्लड ग्रुप देखकर डॉक्टर हैरान हैं, क्योंकि उसका ब्लड ग्रुप A, B, O, AB में से एक से भी मैच नहीं करता है। डॉक्टरों का कहना है कि दुनिया में किसी भी इंसान का ब्लड ग्रुप ऐसा नहीं है। यह युवक न तो किसी को ब्लड डोनेट कर सकता है, न ही किसी का ब्लड ले सकता है। डॉक्टरों ने इस नए ब्लड ग्रुप का नाम INRA रखा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने किया सर्टिफाई…

– इसमें पहले दो शब्द इंडिया और बाद के दो शब्द युवक के नाम से लिए गए हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इस ग्रुप को सर्टिफाइड किया है। डॉक्टर युवक के ब्लड पर अभी और रिसर्च कर रहे हैं।
– इस ब्लड टेस्ट को सबसे पहले सूरत के लोक समर्पण रक्तदान के डॉक्टरों ने किया। इसमें डॉ. सनमुख जोशी, डॉ. किंजल मेंदपरा और अंकिता शेलडिया शामिल थे। उन्होंने इसके सैम्पल को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) भेजा।
– यहां उसकी संस्था इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरेंस लेबोरेटरी ने भी युवक के ब्लड की जांच की। लेकिन उसका कोई ब्लड ग्रुप नहीं मिला।
– लेबोरेटरी ने इस नए ब्लड ग्रुप को सर्टिफाई किया है। हालांकि, रिसर्च के चलते डॉक्टरों ने युवक की पहचान को अभी छिपा रखा है।

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फैमली मेंबर्स के ब्लड की हो रही है जांच
– डॉ. सनमुख जोशी बताते हैं, “हम युवक के ब्लड ग्रुप पर अभी कुछ और रिसर्च कर रहे हैं। यह ब्लड क्यों सबसे अलग है? कैसे बना है?
– युवक की फैमिली के सभी मेंबर्स के ब्लड की भी जांच कर कर रहे हैं। अभी तक मानव शरीर में चार प्रकार के ब्लड ग्रुप ही ज्ञात हैं। A, B, O एवं AB। युवक के ब्लड को हमने डब्ल्यूएचओ लेबोरेटरी भेजा था।
– इस लैब में दुनिया में ज्ञात सभी तरह के ब्लड ग्रुप मौजूद हैं। यहां तमाम तरह की जांच की गई। लेकिन इस युवक का ब्लड ग्रुप किसी से मैच नहीं हुआ।
– लैब ने अपनी जांच के बाद इस बात को स्वीकृति दी है कि यह ब्लड ग्रुप पूरी दुनिया में इकलौता है।

दुनिया में सात रेयर ब्लड ग्रुप जो किसी से मैच नहीं करते
– दुनिया में सात ऐसे रेयर ब्लड ग्रुप हैं, जो किसी से मैच नहीं करते हैं। डॉ. सनमुख जोशी बताते हैं कि इन्हें मेडिकल भाषा में ‘COLTOL’ कहते हैं।
– इनमें से एक इंडिया में है। इसके अलावा बोम्बे ब्लड ग्रुप है जो सात हजार में से किसी एक के पास होता है। मेडिकल कॉलेज ऑफ वडोदरा के प्रोफेसर डॉ. रमेश पटेल बताते हैं, “ऐसे ब्लड ग्रुप रेयर होते हैं।”
– ऐसे व्यक्ति को रक्त की जरूरत पड़ने पर काफी मुश्किल होती है।