April 20, 2024

गुमनामी की कगार पर शासक सूरजपाल की धरोहर सूरजकुंड

फरीदाबाद : उगते सूरज की तरह दिखने वाला यह सूरजकुंड फरीदाबाद से आठ किमी दूर अरावली की गोद में बसा है। इसे तोमर वंश के शासक सूरजपाल द्वारा बनवाया गया था। इस कुंड के बीचोंबीच भव्य सूर्य मंदिर है, जो राजा ने सूर्य देवता की उपासना के लिए तैयार कराया था। छठ पूजा के अवसर पर इस कुंड का महत्व और भी बढ़ जाता है।

बताया जाता है कि 10 वीं शताब्दी में यहां कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का प्रमाण मिलता है। औद्योगिक नगरी में अब छठ पूजा का आयोजन भव्य तरीके से होता है।

कुंड का आकार उगते सूर्य के रूप में
इस कुंड का आकार उगते सूर्य के रूप में है, जो समृद्धि का प्रतीक है। छठ पूजा में पहले दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा होती है। अगले दिन उगते हुए सूर्य की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है।

जिस तरह से सूरजपाल ने इस जलाशय का निर्माण कराया था। यह सूर्य पूजा का प्रतीक है। मौजूदा समय में कुंड में एक बूंद भी पानी नहीं है। इस कुंड के नाम पर हर साल फरवरी में अंतरराष्ट्रीय मेले का आयोजन होता है। कुंड की देखभाल का जिम्मा पुरातत्व विभाग के पास है।