April 25, 2024

लालू पर CBI की छापेमारी की जानकारी पहले ही मिल चुकी थी नीतीश कुमार को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से गुरुवार की देर रात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक फोन गया और उन्हें बताया गया कि कथित लैंड फॉर होटल स्कैंडल में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई उनकी सरकार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव के ठिकानों पर छापेमारी करने वाली है.

‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई को इस बात का डर था कि छापेमारी के दौरान बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है. इसलिए सीबीआई ने प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) से गुजारिश की कि वे बिहार सरकार को इस बारे में सूचित कर दें कि लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी की प्रॉपर्टी और घर पर छापेमारी होने वाली है.

सीबीआई को था हिंसक प्रदर्शन का डर
छापेमारी की कार्रवाई से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि जांच से जुड़े सीबीआई अधिकारियों को भय था कि छापेमारी से राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो सकती है इसलिए पीएमओ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बारे में जानकारी देने की बात कही गई थी.

बिहार के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीएमओ से इशारा मिलने की पुष्टि की है. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें हिंसक प्रदर्शन को कंट्रोल करने के लिए तैयार रहने को कहा गया था.

राज्य के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘गुरुवार की देर रात मुझे तैयार रहने को कहा गया. कोई कारण नहीं बताया गया लेकिन सुरक्षा प्रबंधन की समीक्षा करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैयार रहने को कहा गया.’

रिपोर्ट के मुताबिक सभी अधिकारियों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर जानकारी दी. क्योंकि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्हें मीडिया से बात करने की इजाजत नहीं थी.

नीतीश कुमार को बदनाम करने की साजिश
नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जनता दल यूनाइटेड के राज्य सभा सद्सय और राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने इस तरह की कोई भी जानकारी होने से इंकार किया है.

त्यागी ने कहा कि यह नीतीश कुमार को बदनाम करने की साजिश है. क्या पीएमओ सीबीआई को चला रहा है कि उन्हें छापेमारी की जानकारी थी. मुख्यमंत्री की तबीयत खराब है और वे इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.

छापे के वक्त राजगीर में थे नीतीश
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वास्थ्य लाभ के लिए गुरुवार की दोपहर राजगीर चले गए. हालांकि उनके ऑफिस ने कोई कारण नहीं बताया है.

कुमार के विरोधी इसके पीछे दो वजहें बता रहे हैं. पहला यह कि विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार से वह मिलना नहीं चाहते थे और दूसरा यह कि उन्हें लालू के ठिकानों पर छापेमारी की पहले से जानकारी थी.

2015 में जेडीयू, कांग्रेस और नीतीश कुमार के धुर विरोधी लालू यादव ने बिहार में महागठबंधन बनाया और बीजेपी को रौंदते हुए बिहार में सरकार बनाई.

कमजोर हो गई है महागठबंधन की डोर
शुक्रवार को सीबीआई के छापे ऐसे वक्त पड़े हैं, जब 2015 के बाद महागठबंधन के बाद महागठबंधन को जोड़ने वाली डोर बहुत कमजोर हो गई है.

महागठबंधन में दरार पड़ना बीजेपी के लिए मौके की तरह है. और यह बात खुलकर सामने आ गई है, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के राष्ट्रपति पद उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का फैसला किया.

दो दिन पहले कांग्रेस पर बरसे नीतीश
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने जीएसटी मिडनाइट सेशन में हिस्सा लेने के लिए भी अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजा, जबकि विपक्ष की बॉयकॉट की अपील को खारिज कर दिया.

दो दिन पहले नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि विपक्ष की एकजुटा बनाए रखने में कांग्रेस नाकाम रही है और बीजेपी के खिलाफ उसके कोई कोर एजेंडा नहीं है.