March 29, 2024

आधार डेटा में बड़ी सेंध, 500 रुपये और 10 मिनट में करोड़ों आधार की जानकारी उपलब्ध

New Delhi/Alive News : आधार डेटा में बहुत बड़ी सेंध की रिपोर्ट गुरुवार को मीडिया में छाई रही. एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया कि 500 रुपये और 10 मिनट के समय में करोड़ों आधार कार्ड की जानकारी उपलब्ध हो गई. एक चैनल के अनुसार  रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वॉट्सऐप के जरिए सर्विस देने वाले एक ट्रेडर से 100 करोड़ आधार की जानकारी खरीदी. जैसे ही यह खबर सामने आई हड़कंप मच गया. आनन-फानन में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया.

यूएआडीएआई ने हालांकि इस मीडिया रिपोर्ट को खारिज किया है और कहा कि रिपोर्ट में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है. यूआईडीएआई ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि डाटा लीक नहीं हुआ है और आधार की निजी जानकारी सुरक्षित है. यूआईडीएआई ने कहा कि बायोमेट्रिक्स के बिना आधार के डेटा का प्रयोग नहीं किया जा सकता. UIDAI ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “500 रुपए, 10 मिनट और आपके पास 1 अरब आधार के जानकारी” की रिपोर्ट सही नहीं है और गलत रिपोर्टिंग है. UIDAI भरोसा दिलाता है कि आधार के डेटा में कोई सेंध नहीं लगी है. सभी डेटा पूरी तरह से सुरक्षित हैं.”

कांग्रेस ने सरकार को घेरा
उधर, कांग्रेस ने गुरुवार को आधार डाटा में सेंध लगने की रिपोर्ट पर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि निजता के अधिकार का बिना किसी खौफ के खुला उल्लंघन हो रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस संबंध में ‘अंग्रेजी अखबार’ की स्टोरी को संलग्न करते हुए ट्वीट किया, “आधार डाटा में फिर से सेंध लगाई गई. प्रत्येक नागरिक की निजी सूचना में हैकर प्रतिदिन सेंध लगा रहे हैं और निजता के अधिकार का खुला मजाक बनाया जा रहा है. मोदी सरकार तमाशबीन बनी हुई है.”

Aadhar का अनुबंध विदेशी कंपनियों को
सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जरिये आधार का अनुबंध विदेशी कंपनियों को दिये जाने से उनकी पहुंच फिंगरप्रिंट और पुतली के निशान जैसी व्यक्तिगत सूचनाओं तक होने की रिपोर्टें सामने आई थी. हालांकि प्राधिकरण ने तब दावा किया कि ये डाटा केंद्र भौतिक तौर पूरी तरह सुरक्षित हैं. उसने कहा कि इन डाटा केंद्रों में इस्तेमाल होने वाले हार्डवेयरों का भी इस्तेमाल से पहले दो बार जांच की जाती है. उसने कहा था कि सभी सेवा प्रदाता अनुबंध के तहत गोपनीयता की शर्तों से बंधे होते हैं और इसका उल्लंघन करने पर उन्हें तीन साल तक की कैद हो सकती है.

सरकार ने दिलाया था सुरक्षा का भरोसा
जून 2017 में सरकार ने एक बयान में कहा था कि आधार कार्ड को पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रही है. इसके तहत आधार को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए सरकार कदम उठा रही है. सरकार ने सभी मंत्रालयों को आधार कार्ड और पर्सनल फाइनेंस संबंधी जानकारी को इंक्रिपटेड करने के निर्देश दिए थे. जानकारियों को इंक्रिपटेड करने का मतलब आधार कार्ड में दर्ज आपकी जानकारी को सर्वर में कोड के जरिए कूटलेखन तरीके से इन्कोड करके रखा जाएगा, जिससे इसे चुराया न जा सके. यानी इस तरीके से आपकी निजी जानकारी पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी और उसका कोई भी गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.