April 25, 2024

D.C.Model स्कूल में ‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षण विधि’ पर सेमिनार आयोजित

Poonam Chauhan/Alive News 

फरीदाबाद : सैक्टर-9 स्थित डी.सी.मॉडल स्कूल में श्री सत्य साईं विद्या वाहिनी के तत्वाधान में शिक्षकों के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षण विधि’ सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के दौरान श्री सत्य साईं विद्या वाहिनी के स्टेट कॉडिनेटर बी.बी.गुप्ता ने शिक्षकों को जागरूक करते हुए बताया कि आज के समय में कैसे खेल-खेल में विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा सकती है और वह ज्ञान दिया जा सकता है, जिससे वह अभी तक जी चुराते थे और बोरियत फील करते थे।

उन्होंने बताया कि हमारी शिक्षा प्रणाली पुराने ढऱे पर चलती आ रही है, जिससे विद्यार्थी थोड़ी देर बाद ही उब जाते है और असल ज्ञान से वंचित रह जाते है। लेकिन नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अध्यापक छात्रों को खेल के तरीके से सब कुछ सीखा देते है। उन्होंने बताया कि आज टेक्नोलॉजी काफी विकसित हो चुकी है और हमें शिक्षा को आधुनिक टच देने की आवश्यकता है, तभी शिक्षण प्रणाली की बोरियत को कम किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि विद्या वाहिनी संस्थान शिक्षकों को लर्निंग बाय डूइंग का मेथेड सीखाते हुए एजुकेशन सिस्टम को दिलचस्प बना देता है। जिस कारण छात्रों को एजुकेशन में आनन्द आने लगता है और उन्हें छुट्टी रास नहीं आती है। उन्होंने बताया कि श्री सत्य साईं विद्या वाहिनी के नए मेथेड को 100 स्कूलों अभी तक अपना चुके है जिसमें 57 स्कूल गांव के और 43 स्कूल शहर के शामिल है।

उन्होंने बताया कि इसमें शिक्षकों को ऑनलाईन टीचिंग की गाईडेंस दी जाती है और समय-समय पर वह अपने सब्जेक्ट में क्या बदलाव ला सकते है इसके बारे में विशेषज्ञ उन्हें जानकारी देते है।

इस मौके पर स्कूल के डायरेक्टर पवन गुप्ता ने श्री सत्य साईं विद्या वाहिनी टीम का स्वागत बुके व शॉल भेंटकर किया। उन्होंने कहा कि समय के साथ शिक्षा पद्धति में बदलाव की आवश्यकता है और टेक्नोलॉजी के साथ कदम ताल करके ही एजुकेशन सिस्टम की खामियों को दूर किया जा सकता है।

स्कूल प्रिंसीपल ज्योति गुप्ता ने बी.बी.गुप्ता और उनकी टीम का धन्यवाद किया और शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के समय में टीचर को खुद अपने आप में सुधार करने की आवश्यकता है, तभी एजुकेशन के मायने बदल सकते है। टीचर अपने सकारात्मक सोच के बल पर छात्रों का भविष्य बना भी सकता है और नकारात्मक सोच के चलते उनका भविष्य बिगाड़ भी सकते है। इसलिए टीचर को अपनी जिम्मेदारियों को समझने की आवश्यकता है।