March 29, 2024

शासन के अरमानों पर प्रशासन फेर रहा है पानी

फरीदाबाद,(शफी सिद्दकी) : डबुआ-गांजीपुर रोड़ की दयनीय हालत को देखकर भले ही सांसद और मुख्यमंत्री करोड़ो का बजट दे चुके हो परन्तु कामचोर नगर निगम के अधिकारी कई सालों से क्षेत्र के पानी की निकासी के बजट को यहां लगाने की बजाय दूसरे मद्दो पर खर्च कर रहे है। अगर, ऐसे ही अधिकारी बेलगाम रहे तो वह दिन दूर नही जब शासन चलाने वालों के अरमानों पर प्रशासनिक अधिकारी पानी फेरेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री समान विकास करने के भले ही दावे करे लेकिन अधिकारी उनके दावों को झूठा साबित कर जनता की नजरों में सरकार को बदनाम कर रहे है। फरीदाबाद हरियाणा में राजस्व का सबसे बड़ा जिला है फिर भी यहां की कालोनियों की दयनीय हालत को देखकर दिल्ली और मुम्बई के स्लम की यादे ताजा हो जाती है।

एनआईटी विधानसभा क्षेत्रफल के हिसाब से बहुत बड़ा एरिया है, इसमें दर्जनों कालोनी और एक दर्जन से ज्यादा गांव आते है। जिनमें अभी तक विकास के नाम पर आश्वासन के अलावा एक ईट तक नहीं लगाई गई है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण वार्ड-9 के बीचों-बीच से गुजरने वाली डबुआ-गांजीपुर रोड़ है। इस सडक़ से आए दिन हजारों लोग आवागमन करते है फिर भी सडक़ कीचड़ से लबालब भरी रहती है। इस सडक़ पर तीन निजी और एक सरकारी स्कूल है जिसमें हजारों बच्चे कीचड़ के दरिया को पार करके स्कूल पहुंचते है। अगर, किसी दिन बरसात अपना विकराल रूप धारण कर लेती है तो बच्चों को स्कूल की तब तक छुट्टियां करनी पड़ती है, जब तक वह तालाब पानी से आधा न हो जाए।

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विधायक की कार्य शैली पर लोग उठा रहे है उंगलियां
क्षेत्र के लोगों में विधायक की कार्यशैली को लेकर जमकर नारे बाजी और प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन विधायक के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद से विधायक ने उडिय़ा कालोनी, गांजीपुर रोड़ के क्षेत्र में कदम नहीं रखे। अपनी समस्याओं को लेकर अगर उनसे शिकायत भी की जाती है तो उसे उनके छोटे भाई जोकि पार्षद के सपने देखते है को डस्टबिन में डालकर भूल जाते है। लोगों का विधायक पर यह भी आरोप है कि विधायक ने धोखे से उन्हें झूठा आश्वासन देकर ताजपोशी करा ली और अब उनकी सुध लेने तक नहीं आते।

डबुआ-गांजीपुर रोड़ का अधिकारी तीन बार करा चुके है उद्घाटन
बड़े मजे की बात तो यह है कि अधिकारी सरकार के विधायक मंत्रियों को गुमराह कर डबुआ-गांजीपुर रोड़ के निर्माण के लिए तीन बार उद्घाटन करा चुके है लेकिन क्षेत्र के पानी की निकासी का कार्यक्रम फाईलों में ही दम तोड़ देता है। इतना ही नहीं पिछली सरकार में पानी निकासी के लिए डबुआ गांजीपुर रोड़ के एक तरफ के नाले का निर्माण कार्य करीब 500मी. तक कराया गया।

लेकिन सरकार बदलने के बाद निगम के बदमाश अधिकारियों ने बजट का रोना-रोकर कार्य बंद कर दिया। जिससे आज इस सडक़ के आस-पास की कालोनी गंदे पानी से लबालब है। लोग नरकीय जीवन जीने पर मजबूर है।

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क्या कहना है मजबूर जनता का
भले ही जनता जनार्दन चुनाव में नेता के वायदो की कटपुतली बनकर रहते हों लेकिन जब उनकी समस्यां का निवारण नहीं होता तो उसके लिए वो किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते है। ऐसा ही उडिय़ा कालोनी में रहने वाले समाजसेवी मेहरचंद हरसाना का कहना है। हरसाना ने कालोनी की समस्या को मीडिया से बयान करते हुए कहा कि मैं क्षेत्र में काफी वर्षो से रह रहा हूं। समाजसेवा के साथ-साथ क्षेत्र के लोगो की उन बुनियादी मूलभुत सुविधाओं को लेकर शासन प्रशासन के साथ लड़ता आ रहा हूं लेकिन चुनाव जीतने के बाद यहां कोई नेता फटकता तक नहीं है।

उन्होंने कहा कि कालोनी के लोग निगम को हाऊस टैक्स और डेवलप्मेंट चार्ज देते आ रहे है लेकिन डेवलप्मेंट तो कहीं दिखाई नहीं देता सिर्फ जनता से चार्ज ही लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्रिय राज्य मंत्री और स्थानीय विधायक को क्षेत्र के लोगों की सुध लेनी चाहिए। जिससे लोगों में से सरकार और प्रशासन के खिलाफ रोष कम हो।