March 29, 2024

बूस्टर डोज़ के नाम पर साइबर ठगी से रहे सावधान : उपायुक्त

Faridabad/Alive News : देशभर में 10 जनवरी से शुरू हुए बूस्टर डोज़ अभियान के साथ ही साइबर ठगों ने ठगी का अब नया तरीका अपनाया है। साइबर ठग लोगों को फोन कर कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाव के लिए टीके का बूस्टर डोज लगवाने का झांसा दे रहे हैं। पंजीकरण कराने के लिए मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भेजते हैं। यह ओटीपी बताते ही खाते से पैसे निकाल लेते है। ऐसे में सभी जिला वासियों को सतर्कता बरतने की जरूरत है।

उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि देश के अन्य हिस्सों में कोविड 19 की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान के नाम पर लोगों के साथ साइबर फ्रॉड कर उनको आर्थिक चपत लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला में अभी ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन फिर भी सभी को एहतियातन सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साइबर ठग ई- मेल, मैसेज भेजकर कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से बचाव के लिए बूस्टर डोज की सलाह दे रहे हैं। इसके लिए बूस्टर डोज के रजिस्ट्रेशन का लिंक भेजा जाता है।

उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि देश के अन्य हिस्सों में कोविड 19 की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान के नाम पर लोगों के साथ साइबर फ्रॉड कर उनको आर्थिक चपत लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला में अभी ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन फिर भी सभी को एहतियातन सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साइबर ठग ई- मेल, मैसेज भेजकर कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से बचाव के लिए बूस्टर डोज की सलाह दे रहे हैं। इसके लिए बूस्टर डोज के रजिस्ट्रेशन का लिंक भेजा जाता है।

उपायुक्त जितेंद्र यादव ने इस संबंध में बताया कि कॉल करने वाले खुद को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी बताते हैं। इसके बाद वह पूछते हैं कि आप को कोविड की दूसरी डोज लगी है या नहीं। जैसे ही सामने वाला व्यक्ति दूसरी डोज की बात कहता है। इसके बाद बताया जाता है क्या आप ओमिक्रोन से बचने के लिए तीसरी डोज लगाने के इच्छुक हैं। हां, का जवाब देते ही मोबाइल पर साइबर क्राइम करने वालों की तरफ से ओटीपी भेजा जाता है।

उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बूस्टर डोज के लिए कोई कॉल नहीं की जा रही है। सभी लोग ऐसी काल से सावधान रहें। यह बूस्टर डोज स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स सहित 60 साल से ऊपर की उम्र के उन लोगों को लगाई जा रही है जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है।