April 26, 2024

राष्ट्रहित से बढ़ा और कुछ भी नहीं हो सकता : कृष्ण सिंघल

Faridabad : एक समय था जब भारत दूनिया के सबसे अमीर देशों में शामिल हुआ करता था। जिसके चलते हर कोई हमारे देश पर शासन करने का सपना देखता था। भारत पर शासन करने के मकसद से ही कई बार देश पर आक्रमण भी हुआ। और लगभग एक दशक तक देश गुलाम रहा। बिटिश सरकार सब कुछ लूट कर ले गई ।

जिसके कारण भारत की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई । अब समय आ गया है कि हम सब को फिर से देश आगे लाने के लिए कुछ करना होगा । युवा उद्यमियों को आगे आकर देश को एक बार फिर सोने की चिड़िया बनाने के लिए प्रयास करना पड़ेगा।

यह विचार कृष्ण सिंघल आरएसएस क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख ने अरावली गोल्फ क्लब मे राष्ट्रीय सेवक संघ संपर्क विभाग के सौजन्य से आयोजित युवा उद्यमी अनौपचारिक चर्चा कार्यक्रम में कहे। उन्होनें कहा कि आज चाइना हमसे इसलिए जलता है क्यों कि अगर कोई उसे टक्कर दे सकता है तो सिर्फ भारत दे सकता है वो चाहे किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो ।

आइटी के स्टूडेंट्स ज्यादा पैकेज के लालच में देश छोड़कर विदेश की और जा रहे है। राष्ट्रहित से बढ़ा और कुछ भी नहीं हो सकता । युवा उद्यमियों के सामने देश हित के कुछ सवाल रख और उन पर विचार करने को कहा । कार्यक्रम में शहर के जाने

माने उद्योगपतियों की युवा पीढी जो उद्योग सभाल रहे है । उन्होंने उत्साहपूर्वक चर्चा में भाग लिया। अनौपचारिक चर्चा कार्यक्रम में आरके गुप्ता जिल सह संपर्क प्रमुख ने चर्चा में होने वाले विषय के बारे मेंजानकरी दी । दीपक अग्रवाल विभाग संपर्क प्रमुख ने आए हुए सभी युवा उद्यमियों का परिचय करवाया। एवं भारत की अर्थव्यवस्था की एक प्रस्तुति रखी ।

कार्यक्रम में गंगा शंकर मिश्र प्रांतीय सह संपर्क प्रमुख हरियाणा ने युवा उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश में एक समय मसालें, कपास और लोहा डायमंड काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते थे और इन चीजों को अन्य देश के लोगों द्वारा खरीदा जाता था। यही कारण था कि उस समय देश की जीडीपी आज के मुकाबले बहुत अधिक थी । उन्होंने कहा कि नव भारत
निर्माण, डिजिटल इंडिया, टिकाऊ ऊर्जावान भविष्‍य, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष ध्‍यान केंद्रित करना होगा।

इन सब में सरकार केसाथ ही हमसब को आगे आकर देश के भविष्य को उज्जवल बनाना होगा। युवा उद्यमियों को सोलर एनर्जी पॉलिसी को बढ़ावा देना होगा। गंगा शंकर मिश्रने कहा कि भारत जैसे देश में जहां ‘परंपराओं और रिवाजों’ कभी-कभी मानवता से भी बड़ी होती हैं, शिक्षा एक विकल्प नहीं है, यह एक आवश्यकता है।

जिसदेश का औद्योगिक ढांचा जितना दुरुस्त होगा, उस देश के सबसे ज्यादा समय या यों कहें कि हमेशा शिखर पर रहने की संभावनाएं भी उतनी ही प्रबल होंगी औरये बात तो सर्वविदित है कि उद्योग-धंधों के विकास में युवाओं कि कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रत्येक औद्योगिक इकाई में युवाओं के अत्यधिक
प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है।

कोई भी उद्योगपति या बड़ी से बड़ी कंपनी अपने कामगारों की फौज में अधिक से अधिक युवाओं को देखना चाहती है, क्योंकि युवा ऊर्जा को सभी दोहित करना चाहते हैं और यही उद्योग-धंधों एवं देश के विकास के लिए आवश्यक भी है। कार्यक्रम में डॉ अरविंद सूद विभाग संघ चालक एवं सुरेंद्र बंसल ,संजय शर्मा ,गजानंद चौहान, दीपक ठुकराल सहित कई संघ के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।