April 24, 2024

निजी स्कूलों में फीस वृद्धि की वैधता की हो जांच

Faridabad/Alive News : अभिभावक एकता मंच हरियाणा ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा फार्म 6 में दर्शाई गई शिक्षा सत्र 2018 -2019 की फीस व फंड कि वैधता व सत्यता की जाँच कराने की मांग की है। मंच ने शिक्षा मंत्री ,शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि प्राइवटे स्कूल पहले से ही लाभ में है और उनके पास काफी रिसर्व फंड है। उसके बाबजूद वे हर साल फीस बड़ा देते हैं और उसे फार्म 6 में दर्शाकर उसे कानूनी रूप देने की कोशिश करते हैं। जब कि शिक्षा नियमावली में लिखा है की फार्म 6 में दर्शाई गई फीस व फंड कि वैधता की जाँच शिक्षा निदेशक को करनी चाहिए व उसकी मंजूरी मिलने के बाद ही फीस बढ़ानी चाहिए।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि स्कूल प्रबंधको ने एक बार पुनः शिक्षा सत्र 2018 -2019 के लिए ट्यूशन फीस में 30 से 40 प्रतिशत व अपनी मर्जी से बनाए गए गैर कानूनी फंडों में 50 से 100 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। तर्क यह दिया है कि शिक्षक व कर्मचारियों को 7 वें वेतन मान के अनुसार वेतन दिया जाना है। जब कि हकीकत यह है कि शिक्षक व कर्मचारियों को 5 वें वेतन मान के अनुसार भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनको 10 से 15 हजार मासिक वेतन दिया जाता है जब कि हस्त्ताक्षर 20 से 40 हजार मासिक वेतन पर कराये जाते है।

इतना ही नहीं स्कूल मालिक व उनकी पत्नी तथा अन्य रिश्तेदारों को एक से डेड लाख रुपए मासिक वेतन स्कूल खर्चे में दिखाया जाता है। मंच के जिला अध्यक्ष शिव कुमार जोशी ,जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने चेयरमेन फीस एन्ड फंड रेगुलेटरी कमेटी कम मंडल आयुक्त फरीदाबाद व गुरुग्राम को शिकायत भेजकर कहा गया है कि फरीदाबाद के जिन 18 स्कूलों द्वारा शिक्षा सत्र 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में बढ़ाई गई फीस व फंड कि वैधता की जाँच चल रही है इन स्कूलों ने एक बार पुनः सत्र 2018-19 में फीस बढ़ा दी है

इस पर रोक लगाई जाए और पहले से चल रही जाँच में तेजी लाते हुए फैसला सुनाया जाए। मंच ने प्रषासक हुडा फरीदाबाद से भी कहा है कि हुडा नियमों का उल्लंघन सही पाए जाने पर जिन 8 प्राईवेट स्कूलों को रिज्यूम किया गया है और 30 स्कूलों को धारा 17(4) के नोटिस जारी किये है उस पर शीघ्र फैसला सुनाया जाये। मंच ने अभिभावकों से भी कहा कि वे एकजुट होकर स्कूलों की फीस वृद्धि ,मनमानी व लूटखसोट का खुलकर विरोध करे।