April 19, 2024

जीवा स्कूल में अर्थ-डे पर छात्रों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Faridabad/Alive News : जीवा पब्लिक स्कूल में प्रात:कालीनसभा के दौरान पर्यावरण संरक्षण दिवस अर्थात ‘अर्थ-डे’ मनाया गया। 22 अप्रैल को पूरे विश्व में ही अर्थडे मनाया जाता है। सभी संस्थान जागरूक होकर इस विषय पर गहन चिंतन कर रहे हैं। वहीं एक छोटा सा प्रयास जीवा पब्लिक स्कूल में भी किया गया जिसमें बताया गया कि पृथ्वी दिनप्रतिदिन विनाश की ओर बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण मनुष्य के क्रियाकलाप ही हैं। मनुष्यने आज अपने स्वार्थ और अपने आराम के लिए हर प्रकार से पृथ्वी को प्रदूषित किया, और उसका दोहन किया जिसका परिणाम यह हुआ कि पृथ्वी का वातावरण असंतुलित हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए विश्व भर में इस विषय पर ध्यान दिया जा रहा है और इस स्थिति को रोकने के लिए अनेक प्रयास भी शुरू किए गए। यह दिवस खास तौर से स्कूल कॉलेजों में मनाया जाता है जिससे आने वाली पीढ़ी इस ओर ध्यान दे।

कार्यक्रम की शुरूआत सर्वप्रथम एक सुविचार से की गई। सुविचार के द्वारा छात्रों को बताया गया कि हमें अपने स्वार्थ के लिए पेड़-पौधों का नाश नहीं करना चाहिए क्योंकि यह पेड़-पौधे हैं तो हमारा जीवन है, इसके अलावाछात्रों ने एक लघुनाटिका का मचन किया। जिसमें उन्होंने प्रदूषण के अनेक कारणों से अवगत कराया। साथ ही बताया कि प्रदूषण बढऩे से ही तरह-तरह की बिमारियाँ भी बढ़ती हैं। कुछ छात्रों ने एक नृत्यनाटिका भी प्रस्तुत की जिसमें बताया कि किस प्रकार से मनुष्य की गतिविधियों के कारण ही आज मनुष्य स्वयं ही विनाश की ओर बढ़ रहा है।

किंडर गार्टन के छात्रों को पर्यावरण के संरक्षण का महत्व समझाने के लिए विभिन्न क्रिया-कलाप करवाए गए जिसमें उन्होंने विभिन्न पेड़-पौधों के औषधीय गुणों से अवगत कराया गया तथा उनके लिए ग्रीन-डे का भी आयोजन किया गया। उन्हें विद्यालय के साथ स्थित पार्क का भ्रमण करवाया गया तथा विभिन्न पेड़-पौधों का निरीक्षण करवाया गया। इस अवसर पर स्कूल के अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान एवं उपाध्यक्षचंद्रलता चौहान ने छात्रों के इस उत्कृष्टï कार्यक्रम की प्रशंसा की। ऋषिपाल चौहान ने कहा कि धरती सब की माता होती है यदि हम अपनी माता का सम्मान करते हैं तो हमें धरती माता का भी सम्मान करना चाहिए क्योंकि अगर धरती सुरक्षित है तो समस्त प्राणी जगत सुरक्षित हैं। धरती का विनाश समस्त प्राणी जगत के विनाश का कारण बन सकता है।