April 26, 2024

एसडीएम कार्यालय में चल रहा भ्रष्टाचार, कैसे हो उपचार

Faridabad/Alive News : फरीदाबाद जिले में निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर चल रहे तीन एसडीएम कार्यालयों में भ्रष्टाचार जमकर फल-फूल रहा है, यहां दलालों का खासा बोलबाला है। इन कार्यालयों में रोजाना हजारों की संख्या में लोग अपने उपरोक्त कार्यो को लेकर यहां आते है और यहां तैनात क्लर्को की तानाशाही व रिश्वतखोरी के चलते धक्के खाने के बाद दलालों की शरण में जाने को मजबूर हो जाते हैं।

गौरतलब रहे कि संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी यानि एसडीएम कार्यालयों में जिला प्रशासन ने उपरोक्त कामों के लिए क्लर्क तैनात कर रखे हैं। यहीं नहीं क्लर्को की कमी के चलते जिला प्रशासन ने कुछ क्लर्को को उनके अपने कामों के अलावा दूसरी सीटों का काम भी सौंप रखा है। वो बात अलग है कि अतिरिक्त प्रभार के तौर पर सौंपी गई ये सीटे मलाईदार सीटें मानी जाती हैं। इन दफ्तरों में पब्लिक डीलिंग के नाम पर सोमवार से शुक्रवार के कार्य दिवस फिक्स हैं।

इन दिनों सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक का समय आम आदमी के कार्यो के लिए निश्चित किया हुआ है। लेकिन दलालों का बोल-बाला इतना है कि पब्लिक डीलिंग के समय भी यहां जनता का काम कम और दलालों का काम ज्यादा होते देखा जा सकता है। दोपहर एक बजे के बाद तो उनका ही साम्राज्य यहां स्थापित हो जाता है।

सबसे पहले यदि हम बात करें एसडीएम कार्यालय बल्लभगढ़ की तो वहां ड्राईविंग लाईसेंस व वाहनों के नए व पुराने कार्यों के लिए दो अलग-अलग क्लर्क तैनात किए हुए हैं। वहीं इन कार्यों से संबंधित सरकारी फीस जमाकर उसकी रसीद काटने के लिए एक तीसरे क्लर्क को भी तैनात किया हुआ है। बस यहीं से शुरू हो जाता है भ्रष्ट्राचार का खेल। दलालों की दस्तक सबसे पहले इसी सीट से शुरू होती है जहां से चढ़ावा चढ़ाने का खेल शुरू हो जाता है। चढ़ावे का माल इन क्लर्कों को तो ऐसा लगता है कि वे इन दलालों को भगवान का दर्जा देने लगते हैं।

इसी के चलते पब्लिक द्वारा लाई गई फाइलों में कमी निकालने का काम शुरू हो जाता है और उन्हें फाइलों में कमी बताकर दफ्तर से बिना फीस काटे ही भगा दिया जाता है। यही कारण है कि इस कार्यालय के इन क्लर्को द्वारा भगाए जाने के बाद इन लोगों को मजबूरी में दलालों की शरण में ही पहुंचना पड़ता है। जहां ये दलाल इन लोगों को लूटने का कार्य बखूबी कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक फरीदाबाद के अन्य दो एसडीएम कार्यालयों में भी ऐसा ही खेल चलता है। इन सीटो पर मौजूद क्लर्क दलालों से मिलीभगत कर उधार की सुविधा भी मुहैया कराते है जिसका भुगतान ये दलाल लगभग दोपहर दो बजे करते है जिसका लेखा-जोखा इन क्लर्को की मेज पर रखे नोट पैड पर होता है। अगर दो बजे से पहले इन बाबुओं का कैश चैक किया जाए तो लाखों रूपयों का सरकारी कैश कम मिलेगा। अगर इसी बीच किसी दलाल के साथ कोई बड़ा हादसा हो जाए तो ऐसी सूरत में सरकारी भुगतान कौन करेगा? यह भी एक बड़ा सवाल है। दलालों को क्लर्को द्वारा दी जा रही सुविधा के बदले यह बाबू उनसे कुछ ज्यादा सुविधा शुल्क वसूलते है।

– क्लर्क तय करते है फीस
इन कार्यालयों में फीस क्लर्क द्वारा तय की जाती है। बताते हैं कि न्यू पंजीकरण के लिए दलालों से प्रति पर्ची 100 रुपये लिए जाते हैं तो पुराने वाहनों व ड्राइविंग लाइसेंसों से संबंधित रसीद पर दलालों से 50 रुपये लिए जाते हैं तथा ड्राईविंग लाईसेंस की रसीदों पर 50 रूपये प्रति ऊपर के लिए जाते हैं। वहीं जनता पर जबरन थोपे गए डीआइटीएस की रसीद पर 30 रूपये दलाल से लिए जाते हैं। इस सबसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी रसीद काटने वाले इस सीट के क्लर्क हर रोज कितनी ऊपरी कमाई कर लेते है।

क्या कहते हैं एसडीएम
बडख़ल को लेकर मेरे पास कोई शिकायत नहीं है। अगर कोई मामला जानकारी में आता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
– रिगन कुमार, एसडीएम बडख़ल।

– वहीं फरीदाबाद एसडीएम का कहना है कि किसी भी सीट पर अगर इस तरीके की गतिविधियां मिलती है तो उनके खिलाफ ठोस कार्यवाही की जाएगी।
-प्रताप सिंह, एसडीएम फरीदाबाद।