April 26, 2024

नोटबंदी मामला : SC ने सरकार को लगाई फटकार, क्यों नहीं मिला लोगों को दोबारा नोट बदलने का मौका

New Delhi/Alive News : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटबंदी को लेकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने पुराने नोट बदलने की तारीख को लेकर फटकार लगाई है. कोर्ट का कहना है कि लोगों को पुराने नोट बदलने के लिए दोबारा मौका क्यों नहीं दिया गया है. SC ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है.

कोर्ट का कहना है कि जिस व्यक्ति का इसको लेकर कोई वाजिब कारण था, उन लोगों का क्या हुआ. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से देश में लोगों को पुराने नोट बदलने के लिए 30 दिसंबर तक की डेडलाइन दी हुई थी, वहीं एनआरआई लोगों के लिए ये आखिरी डेट 30 जुलाई तक है. वहीं बैंक 20 जुलाई तक पुराने नोट आरबीआई में जमा करवा सकते हैं.

क्या थी डेडलाइन
केन्द्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के वक्त 30 दिसंबर 2016 तक प्रतिबंधित की गई करेंसी को बैंक में जमा कराने की डेडलाइन तय की थी. जिसके बाद रिजर्व बैंक ने कहा था कि पुरानी करेंसी को 31 मार्च तक रिजर्व बैंक में जमा किया जा सकेगा. हालांकि उसने रिजर्व बैंक में जमा कराने वालों को यह वजह बताने की शर्त रख दी थी कि क्यों उक्त करेंसी को 30 दिसंबर 2016 की डेडलाइन तक नहीं जमा कराया गया.

गौरतलब है कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड और एस के कौल की बेंच ने याचिकाकर्ता की दलील की रिजर्व बैंक ने अपने आखिरी नोटिफिकेशन में सिर्फ उन लोगों को 31 मार्च 2017 तक पुरानी करेंसी को जमा करने की इजाजत दी जो किसी वजह से नोटबंदी के दौरान देश से बाहर मौजूद थे. इस आधार पर याचिकाकर्ता ने इसे रिजर्व बैंक और मोदी सरकार द्वारा वादाखिलाफी करने का दावा किया है.

आपको बता दें कि नोटबंदी के ऐलान के वक्त 15.44 लाख करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी सर्कुलेशन में थी जिसमें 8.58 लाख करोड़ रुपये की 500 की नोट और 6.86 लाख करोड़ की 1000 रुपये की करेंसी थी.

नोटबंदी से लोगों को सबसे ज्याादा परेशानी पुराने नोटों को बदलने की थी. जब तक पुराने नोट बदले गए, बैंकों के सामने लंबी कतारें, देर रात तक भीड़, सुबह लंबी लाइनें देखी जा रही थीं. ना जाने कितने ही लोग ऐसे थे, जो लंबी लाइनों के कारण बैंकों तक गए नहीं. अगर आप उनमें से एक हैं और आपके पास 500 या 1,000 के पुराने नोट अब भी हैं, तो आपके लिए अच्छीर खबर है.

क्यों आदेश कर सकता है कोर्ट
दरअसल, 30 दिसंबर से पहले नोट जमा नहीं कराने के मामले में दर्जनभर से अधिक याचिकाएं कोर्ट के सामने आई हैं. एक याचिका में तो याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपनी 66.80 लाख रुपए की रकम बैंक में केवाईसी नहीं होने से जमा नहीं करा सका है. इसलिए कोर्ट अब इस आशय में लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला ले सकता है.