April 20, 2024

कक्षाओं का रिजल्ट ऑनलाइन करें अध्यापक

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करवाएं। उन्होंने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है, जब वह शिक्षित हो। जिला में विद्यार्थी गुणवत्ता संवर्धन कार्यक्रम चलाया गया था और जिला ने इसमें बीड़ा उठाते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की थी।

Fatehabad/Alive News : सक्षम हरियाणा कार्यक्रम के तहत जिला में स्कूलों के विद्यार्थियों के ग्रेड में सुधार कर उनके लर्निग लेवल को 80 प्रतिशत तक करवाए जाने की दिशा में कदम उठाए जाए और अध्यापक अपनी कक्षाओं के रिजल्ट को भी ऑनलाइन जरूर करें। उपायुक्त डा. हरदीप सिंह ने बुधवार को लघु सचिवालय के कक्ष में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और जिलों के मुख्याध्यापकों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करवाएं। उन्होंने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है, जब वह शिक्षित हो। जिला में विद्यार्थी गुणवत्ता संवर्धन कार्यक्रम चलाया गया था और जिला ने इसमें बीड़ा उठाते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की थी। यह एक महत्वपूर्ण पहल थी और जिला के शिक्षकों के साथ-साथ अधिकारियों का भी सकारात्मक सहयोग इस अभियान में मिला। उन्होंने कहा कि अब जिला में सक्षम हरियाणा कार्यक्रम के तहत बच्चों के लर्निग लेवल को सुधारा जाए। हमें इस कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना है।

ये थे मौजूद
एसडीएम सतबीर सिंह जांगु, सीएमजीजीए अंजू आर्या, डीईओ दयानंद सिहाग, डीईईओ संगीता बिश्नोई, सक्षम हरियाणा कोर्डिनेटर राकेश गुहा ने भी सक्षम हरियाणा कार्यक्रम के क्रियान्वन बारे अपने विचार प्रस्तुत किए।

पीटीएम हर माह जरूरी
उपायुक्त ने अभिभावक-अध्यापक (पीटीएम) को नियमित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस में एक तरफा संवाद न होकर विचारों का आदान प्रदान होना चाहिए ताकि बच्चों बारे अभिभावकों को भी पता चल सके और अध्यापक को भी घर के माहौल व समाज के माहौल का बखूबी अंदाजा लग सके। उन्होंने कहा कि यह पीटीएम का रिश्ता स्वस्थ रहना चाहिए और इसका उद्देश्य तभी पूरा हो सकता है जब सार्थक पहल की जा सके।

पहली बार पहुंची किताबें
अतिरिक्त उपायुक्त डा. जेके आभीर ने बताया कि शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही स्कूलों में पुस्तकें पहुंचाई जा रही हैं।स्कूलों में पाठ्यक्रम की किताबें देरी से पहुंचने के कारण विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा नहीं हो पाता था जिससे छात्र व शिक्षक दोनों ही चिंतित होते थे और परिणाम पर भी असर पड़ता था। परंतु इस बार सभी जिलों में नया शिक्षा स्तर प्रारंभ होने से पहले ही पुस्तकें आ गई है।