April 24, 2024

श्रमिकों के बच्चों के लिए सरकार ने खोला खजाना, छात्रवृति की दोगुनी

Chandigarh/Alive News : हरियाणा सरकार ने श्रमिकों के कल्‍याण के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाली छात्रवृति काे दोगुना कर दिया है। उनके बच्‍चों के निजी संस्थानों में दाखिला लेने पर प्रोफेशनल कोर्स का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इसके अलावा श्रमिकों की लड़कियों की शादी में 51 हजार के शगुन के साथ ही अन्य खर्चों के लिए 50 हजार रुपये अलग से दिए जाएंगे। श्रमिकों को दस रुपये में खाना खिलाने के लिए छह और जिलों में कैंटीन खोली जाएंगी।

बेटियों की शादी में अलग से मिलेंगे 50 हजार, छह और जिलों में खुलेंगी दस रुपये में खाने की कैंटीन
श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक बोर्ड की बैठक में यह फैसले लिए गए। दसवीं की परीक्षा में उत्कृष्ट स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को राशि दी जाएगी। आठवीं तक के बच्चों की सहायता राशि को तीन हजार से बढ़ाकर आठ हजार और नौवीं से 12वीं और आइटीआइ के छात्रों की सहायता राशि छह हजार से बढ़ाकर दस हजार कर दी गई है। स्नातक के विद्यार्थियों को आठ हजार की जगह 15 हजार और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को 12 हजार की जगह 20 हजार रुपये वार्षिक मिलेंगे।

दसवीं में अच्छे रिजल्ट पर छात्रों को 51 हजार, प्रोफेशनल कोर्स का खर्च उठाएगी सरकार
श्रमिकों के बच्चे अगर निजी संस्थानों में इंजीनियरिंग, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, प्रबंधन या कोई अन्य व्यावसायिक कोर्स करते हैं तो पूरा खर्च बोर्ड उठाएगा। अभी तक यह सुविधा सरकारी संस्थानों में ही दी जा रही थी। श्रम मंत्री ने बताया कि दसवीं में 90 फीसद अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 51 हजार, 80 फीसद पर 41 हजार, 70 फीसद पर 31 हजार और 60 फीसद अंक आने पर 21 हजार रुपये दिए जाएंगे।

कन्यादान योजना के साथ अतिरिक्त सहायता
पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को बेटी की शादी में कन्यादान योजना के तहत मिलने वाले 51 हजार रुपये के अलावा 50 हजार रुपये अलग से दिए जाएंगे। श्रमिक बच्चों को किसी अन्य बोर्ड, निगम या विभाग से छात्रवृति, अनुदान या अन्य आर्थिक सहायता न लेने की स्वत: घोषणा करने का अधिकार दिया गया है। इससे पहले उन्हें संस्थाओं के मुखिया द्वारा सत्यापित प्रमाणपत्र देना होता था। योजनाओं का लाभ सहजता से उपलब्ध कराने के लिए श्रम निरीक्षकों तथा सहायक श्रम आयुक्तों के अधिकार में वृद्धि की गई है।

दुर्घटना पर अपंजीकृत श्रमिकों को भी डेढ़ लाख
मजदूरों को अब हर साल की बजाय पांच साल में पंजीकरण कराना होगा। पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर उसके आश्रितों को भी शिक्षा, स्वास्थ्य, अपंगता पेंशन और अन्य सहायता दी जाएगी। कल्याणकारी योजनाओं के लिए क्लेम करने की निर्धारित समय सीमा छह माह से बढ़ाकर एक साल कर दी है। अपंजीकृत श्रमिकों को भी अपंगता की स्थिति में डेढ़ लाख रुपये दिए जाएंगे।

अब 11 जिलों में मिलेगा सस्ता खाना
अंत्‍योदय आहार योजना के तहत श्रमिकों के लिए छह और जिलों में सरकारी भोजनालय खोले जाएंगे। इसमें भिवानी, अंबाला, फतेहाबाद, करनाल, पंचकूला और पानीपत शामिल हैं। अभी तक हिसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम, यमुनानगर और सोनीपत में ऐसे भोजनालय चलाये जा रहे हैं। इनमें प्रतिदिन 250 से 300 लोग खाना खाते हैं।

श्रमिक सरलीकरण केंद्रों की स्थापना, भोजनालयों के लिए आधार समर्थ उपस्थिति तथा श्रमिकों का पूरा डाटा का डिजीटलीकरण किया जाएगा। इसमें सक्षम युवाओं की मदद ली जाएगी। निर्माण श्रमिकों को प्रशिक्षण के लिए विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल में अलग से ब्लॉक बनाया जाएगा।