April 23, 2024

विद्या निकेतन स्कूल द्वारा ‘गुरु-शिष्य मिलन समारोह’ आयोजित

Alive News/ 28 Marchsrch
फरीदाबाद : विद्या निकेतन स्कूल एन.एच.-2 के पुराने छात्रों द्वारा पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी ‘‘तीसरा गुरु शिष्य मिलन समारोह’’ का आयोजन किया गया। यह आयोजन मेट्रो गार्डन में किया गया। कार्यक्रम में वर्ष 1977 से 1994 वर्ष तक के छात्रों एवं गुरुजनों का परस्पर मिलन हुआ। इस समारोह में काफी संख्या में ऐसे व्यक्ति भी थे, जो 35-37 वर्ष बाद मिले थे। यहां उपस्थित छात्र एवं गुरुजन एक-दूसरे से मिलकर भाव-विहोर हो गए।

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इस समारोह में स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य सी.एल. गोयल मुख्याअतिथि के रूप मे उपस्थित थे। इसके साथ-साथ महासिंह शर्मा, मलिक, यादराम, अशोक त्यागी, दुबे, महेन्दर गुरानिआ, कसाना, कमला, वीना आदि अध्यापक एवं अध्यापिकाएं उपस्थित थे। छात्रों की तरफ से आये सभी गुरूजनों को सम्मान के रूप में उपहार दिए गए। सभी यहाँ आने पर अपने स्कूल के समय की यादों को तरोताजा करने लगे और अतीत में खो गए।

इस अवसर पर विधायक नगेन्दर भड़ाना, हरदीप बांगा, जगबीर सिंह तेवतिया, विवेक प्रताप, ज्योति भाटिया, डॉ.रविशंकर गौड, डॉ.राकेश झा, विकास भाटिया, डॉ.अश्विनी पु्रथी, एसीपी सुरेन्द्र सिंह, योगेश ढींगड़ा आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यहां आजाद चामुंडा, मुकेश मल्होत्रा, सुरेश, इन्दपाल सिंह अरोड़ा, पीयूष गोयल, एडवोकेट मनोज सिंह, विभु भाटिया, अतुल मकारिया, सुमन सिंह, देवेन्द्र सिंह, किशन बारी, अनुराधा भाटिया, राशि गेरा, दुर्गा, अनीता, ममता आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। सभी गुरुजनों ने वहंा उपस्थित अपने पुराने छात्रों को सम्बोधित किया और उन्हें अपना आशीर्वाद दिया।

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उन्होंने कहा और भी छात्र है जो शिक्षा तो लेते है और केवल शिक्षा समय तक ही साथ समझते है लेकिन हमें खुशी है और हम गर्व महसूस करते है कि आज भी हमारे शिष्य हमें उतना ही आदर सम्मान देते है। आज के युग में ऐसा गुरु शिष्य का रिश्ता मुश्किल से देखने को मिलता है और हमें गर्व है कि हमारे बच्चों ने इस रिश्ते को आज भी कायम रखा है।

वहाँ उपस्थित सैकड़ों की संख्या में पुराने छात्रो की तरफ से अंत मे विवेक प्रताप सिंह और नागेन्दर भड़ाना ने वहां आये सभी गुरुजनों और पुराने अपने साथियों का आभार वयक्त किया। सभी ने कार्यक्रम के आयोजकों की भूरी-भूरी प्रसंसा की और कहा कि आगे भी ऐसे नेक कार्यक्रम होते रहने चाहिए, जिससे कि आधुनिक छात्र भी गुरु एवं शिष्य के रिश्ते के महत्व को समझें और उसे कायम रखें।