April 25, 2024

गुरूमत समर कैम्प का समापन, बच्चो ने सीखा पंजाबी लिपि

Faridabad/ Alive News: गुरूद्वारा सिंघ सभा सैक्टर 15 फरीदाबाद में गुरूमत समर कैम्प का सफलता पूर्वक समापन हुआ। इस समर कैम्प में लगभग 60 बच्चो ने हिस्सा लिया। कैम्प में बच्चो को पंजाबी लिपि गुरूमुखी पढऩा-लिखना व बोलना सिखाने के साथ साथ बच्चों को गुरू इतिहास बताते हुए व कीर्तन कला सिखाते हुए गुरूवाणी की गहराईयों से जोड़ा गया। इस समर कैम्प में बच्चो को इन सभी कार्यो में परिपूर्ण बनाने में जितेन्द्र कौर रूबी, रविन्द्र पाल कौर, मंजीत कौर, बहन सबल कौर व गुरूद्वारे के कीर्तनीय भाई सतनाम सिंह हैडग्रंथी, गुरूविन्दर सिंह, कमलजीत सिंह ने प्रशिक्षण दिया।  समर कैम्प समापन अवसर पर आयोजित समारोह में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया व गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी सैक्टर 15 कमेटी द्वारा आयोजित इस समर कैम्प की प्रशंसा की।

इस मौके पर गुरूद्वारा सैक्टर 15 के प्रधान खजान सिंह संधू, सचिव राणा पट्टी, सरदार सुच्चा सिंह, स. एन.एस.बग्गा व हरजीत सिंह ने अपने सम्बोधन में बताया कि इस समर कैम्प में बच्चों को मॉबोली पंजाबी व गुरूमुखी के साथ जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज का जहां उत्थान होता है वही बच्चो को भी अपनी संस्कृति एवं समाज के रीति रिवाजों व भाषा का ज्ञान होता है। उन्होंने कहा कि प्रबंधक कमेटी व संगत के सहयोग से आज हमारा गुरूद्वारा सौंदर्यीकरण एवं सुविधाओं से पूरी तरह से परिपूर्ण है और इस तरह के गुरूद्वारे विदेशों में भी देखने को मिलते है।
इस अवसर पर मिरी तिरी के मालिक छहवें गुरू गुरू हरगोबिन्द जी के प्रकाशपूर्व की लख लख बधाई देते हुए राष्ट्रीय पंचनद सेना के सरपरस्त विष्णू सूद, प्रधान टेकचंद नन्द्राजोग (टोनी पहलवान), महासचिव स. कुलदीप सिंह साहनी चिन्टू), महिला प्रकोष्ठ की महासचिव रश्मीन कौर चड्डा ने कहा कि इस तरह के आयोजन करना प्रशंसा का कार्य है और इस तरह के समर कैम्प समय समय पर आयोजित होने चाहिए ताकि बच्चे अपने समाज, देश व प्रदेश को आगे बढ़ाने में अपना भी सहयोग दे।
समापन अवसर पर छोटे छोटे बच्चो रमन दीप कौर, हरसिमरन कौर, प्रभसिमर कौर साहनी, जपनीत कौर, गुरूनुर, जपनुर, हृदय, अवतार, सचकीरत सहित अन्य ने कीर्तन व गुरू इतिहास बताते हुए समूची साध संगत का मन मोह लिया जो उन्हें इस समर कैम्प में सिखाया गया था। समापन अवसर पर समर कैम्प में हिस्सा लेने वाले सभी बच्चो को गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।