April 19, 2024

महासम्मेलन में हरियाणा कांग्रेस कमेटी करेगी भाजपा के खिलाफ संघर्ष

Faridabad/ Alive News : 24 दिसंबर रविवार को बल्लबगढ़ में देश के संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर के 62वें महापरिनिर्वाण दिवस एवं श्रद्धांजलि सभा के अवसर पर आयोजित किए गए महासम्मेलन में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर संविधान बचाओ देश बचाओ के नारे के साथ प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान करेंगे।

यह जानकारी देते हुए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी विजय कौशिक ने बताया कि मौजूदा समय में दलित उत्पीडऩ की घटनाएं बढ़ रही हैं। नौकरी व काम धंधों में उनके हकों को मारा जा रहा है। आरक्षण को खत्म करने के लिए निजीकरण की आड़ में कूड़ा उठाने का ठेका भी विदेशी कंपनियों को दिया जा रहा है जिससे प्रदेश का दलित समाज बुरी तरह आक्रोषित है। इसका विरोध करने के लिए बल्लबगढ़ के दशहरा मैदान में महा सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर मुख्य अतिथि होंगे।

महासम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी विजय कौशिक ने बताया कि महा परिनिर्वाण दिवस श्रद्धांजलि सभा के अवसर पर आयोजित महासम्मेलन में हरियाणा भर के दलित नेता एवं स्त्री-पुरुष हजारों की तादाद में इकट्ठा होंगे। यहां पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर संविधान बचाओ, देश बचाओ नारे के तहत सरकार से मांग करेंगे कि अनिल कुमार आईएएस कमेटी की सिफारिशों को तुरन्त प्रभाव से लागू किया जाए। बैक लॉग को तुरन्त प्रभाव से भरा जाए एवं इसे भरने के लिए अनुसूचित जाति भर्ती बोर्ड बनाए जाएं। हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग को प्रभावशाली बनाया जाए। इसके अलावा दलित उत्पीडऩ की घटनाओं को रोकने के लिए कमेटी गठित करके सुझाव लिए जाएं।

मीडिया प्रभारी विजय कौशिक ने कहा कि इस महासम्मेलन को लेकर दलित समाज के लोगों में विशेष उत्साह है और समाज की 36 बिरादरियां इस कार्यक्रम में सहयोग कर रही हैं। कौशिक ने कहा कि महापुरुष किसी जाति-विशेष के नहीं होते अपितु वे पूरे समाज के लिए आदर्श होते हैं। इसलिए फरीदाबाद, पलवल, गुडग़ांव व मेवात के कांग्रेसी इस महासम्मेलन को सफल बनाने के लिए जुटे हुए हैं। इस कड़ी में बल्लबगढ़ के राजा नाहर सिंह पैलेस में प्रदेश के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी बुलाई गई है, जिससे दलित समाज की मांगों को पूरी मजबूती के साथ सरकार के समक्ष उठाया जा सके।