April 26, 2024

एचवीएसयू ने एनओसीएन के साथ किया समझौता

palwal/Alive News : दुधौला स्थित हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविदयालय ने कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में वैश्विक मानकों को प्राप्त करने के लिए तथा संपूर्ण कौशल पारिस्थितिकी तंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय (एचवीएसयू) हरियाणा सरकार के अधिनियम संख्या 2016 की 25 के तहत अधिनियमित किया गया है। कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना निर्माण, परिधान और वस्त्र बैंकिंग/वित्तीय, स्वास्थ्य देखभाल, साइबर सुरक्षा डिजाइन, निर्माण, खुदरा क्षेत्र, आतिथ्य, मोटर वाहन मेक्ट्रोनिक, और स्मार्ट शहरों का विकास के उभरते क्षेत्रों में कौशल, उद्यमशीलता विकास, कौशल आधारित शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उदेश्य से की गयी है एचवीएसयू का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त व्यावसायिक कौशल संस्थान बनना है जो छात्र रोजगार की क्षमता को बडा उन्हें राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर रोजगार तथा कार्य अवसर उपलब्ध करवाना है।

एनओसीएन ब्रिटेन में एक प्रमुख संगठन है जो कौशल आंकलन मापदण्डों को प्रदान करता है। योग्यता नियामकों में एनओसीएन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा यूके सरकार के कौशल सुधार के नए कार्यक्रम ट्रेलब्लाजर अपरेंटिसशिप के तहत अपरेंटिस मूल्यांकन में प्रमुख योगदान रहा है।

कौशल सहयोग की लंबी यात्रा की दिशा में अपना पहला कदम उठाते हुए, दोनों संस्थाएं पारस्परिक हित के क्षेत्रों में काम करेंगी जिसका उद्देश्य उद्योग और शिक्षा की भविष्य कौशल प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करना है। एमओयू हस्ताक्षर श्री राज नेहरू माननीय कुलपति, एचवीएसयू और ग्राहम हैस्टिंग-इवांस प्रबंध निदेशक एनओसीएन इंडिया स्किल्स की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

इस दौरान राज नेहरू ने कहा कि इस साझेदारी से हमें अकादमिक उत्कृष्टता और उद्योग के बीच अंतर को पाटने में मदद मिलेगी, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उद्योग तैयार संसाधन तैयार किया जा सके। यह सरकार की मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम का भी समर्थन करेगी, जिससे भारतीय उद्योग को एक वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने की तैयारी में मदद मिलेगी।

यह पहल नौकरी की भूमिकाओं के मानचित्रण और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के विकास के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता के निर्माण का समर्थन करेगी। अंतर्राष्ट्रीय ढांचा के लिए रणनीति भारत में यूरोपीय देशों के कौशल विकास के सर्वोत्तम अभ्यासो को लागू करने और अनुकूल करने के लिए केंद्रित है। कौशल विकास, क्रेडिट ढांचे के डिजाइन, व्यावसायिक मानकों और शिक्षुता मॉडल सहित क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना राज्य के युवाओं के लिए सर्वोत्तम संभव अवसर प्रदान करेगा।