March 29, 2024

एग्जाम में नकल कराने का हाइटेक तरीका सुन, दंग रह जायेंगे

Patna/Alive News : बीएसएससी, नीट, एमटीएस व रेलवे की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को हाईटेक तरीके से नकल करवाकर उन्हें पास कराने का ठेका लिया जाता था। परीक्षा में बैठे अभ्यर्थी के पूरे शरीर में मैग्नेटिक डिवाइस दौड़ाकर सेटर उन लोगों को आंसर बताता है।

पुलिस गिरफ्त में आए नालंदा के मनीष गुरु व शंभू ने बताया कि अभ्यर्थी को परीक्षा में बैठने से पहले स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग में सेटर से बातचीत व डिवाइस को ऑपरेट करने का तरीका बताया जाता है।

पूछताछ में मनीष ने बताया कि एमटीएस का प्रश्न और उसका उत्तर हरियाणा से भेजा गया था। इसके लिए उसने हरियाणा के सेटर को 30-40 लाख रुपए देता है। 10 लाख रुपये एडवांस और बाकी की रकम परीक्षा के बाद दी जाती है।

कैसे काम करता है डिवाइस
गिरफ्तार शंभू कंप्यूटर एक्सपर्ट है। भिखना पहाड़ी में उसका साइबर कैफे है। उसने पुलिस को बताया कि परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को साधारण मोबाइल अभ्यर्थियों को दिया जाता है। अभ्यर्थी के सैंडो गंजी में कॉपर वायर लगाया जाता है। उस वायर को मोबाइल से जोड़ दिया जाता है।

छोटा सा मैग्नेट अभ्यार्थी के कान के अंदर डाला जाता है। मैग्नेट कान के पर्दा में जाकर सट जाता है। कान से गंजी में लगे कॉपर वायर के बीच कोई कनेक्शन नहीं होता है। अभ्यर्थी को मोबाइल साइलेंट मोड में दिया जाता है। अभ्यर्थी मोबाइल को अपने जांघिया में छिपाकर रखता है। सेटर दूर से ही अभ्यार्थी को कॉल कर आंसर बताता है। सेटर के रिंग करने पर अभ्यर्थी के कान में रिंग बजने लगता है। अभ्यर्थी के कॉल रिसिव करते ही सेटर उसे आंसर बताता है।

चार साल में बनाई करोड़ों की संपत्ति
एएसपी अभियान राकेश कुमार दूबे ने बताया कि मनीष 2013 से सेटिंग कर रहा है। पटना सायंस कॉलेज से एमएससी किया था। चार साल में उसने सेटिंग के पैसे से करोड़ों की संपत्ति बनाई है। कांटी फैक्ट्री स्थित शांति बिहार अपार्टमेंट में फ्लैट भी खरीदा है। हाल ही में उसने नई चारपहिया गाड़ी खरीदी है। वह पांच से सात लाख रुपये की चेन, अंगूठी व कड़ा पहनता है।

वह लड़कियों को नौकरी लगाने का झांसा देकर प्रेम जाल में फंसाता है। पहली पत्नी को छोड़ दूसरी शादी करने वाला था। पकड़ा गया शंभू उसका सहयोगी है। गिरफ्तार राकेश, नीतीश व अन्य लड़के बिहार, झारखंड, बंगाल व यूपी से मनीष को अभ्यर्थी लाकर देता था। बदले में उन लोगों को कमीशन देता था। बीएसएससी परीक्षा में नीतीश ने 20 अभ्यर्थी देने की बात स्वीकारी है।