April 20, 2024

16 मार्च आखिर क्यू है मास्टर ब्लास्टर के लिए खास?

Alive News/ NewDelhi,16 March:– महानतम क्रिकेटरों को जब भी याद किया जाता है उनमें सचिन तेंदुलकर का नाम होना जैसे धर्म है। फिर भारत जैसे देश में जहां क्रिकेट को एक धर्म की संज्ञा तक दी जाती है वहां सचिन का फैन होना कोई बड़ी बात नहीं है। क्रिकेट के दीवाने सचिन के दीवाने भी हैं। यह भी कहा जा सकता है कि जब क्रिकेट की दीवानगी लोगों के सिर चढ़ी उस समय सचिन के बल्ले का कमाल भी लोगों के सिर चढ़के बोला।

सचिन को अपने समय का महान बल्लेबाज कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक परिपक्व बल्लेबाज के रूप में उन्हें जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में सचिन तेंदुलकर ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने शतकों का शतक लगाया है। यानी 100 बार सचिन तेंदुलकर ने 100 रन से ज्यादा रन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बनाए हैं। ये सेंचुरी ऑफ सेंचुरीज एकदिवसीय और टेस्ट मैचों दोनों में बनाए गए शतकों से बनी हैं। सचिन ने एकदिवसीय मैचों में 49 शतक और टेस्ट मैचों में 51 शतक बनाए हैं।
16 मार्च 2012 को सचिन तेंदुलकर ने शतकों का शतक लगाने का कारनामा किया था। बांग्लादेश के खिलाफ बांग्लादेश के मीरपुर के शेर ए बांग्ला स्टेडियम में सचिन ने अपना 100वां शतक बनाया था। सचिन ने इस एकदिवसीय मैच में 77.55 की स्ट्राइक रेट से 114 रन बनाए थे।
1989 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण
सचिन ने 1989 में टेस्ट मैच के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। लेकिन 1990 में 16 मार्च आखिर क्यू है मास्टर ब्लास्टर के लिए खास?इंग्लैंज के खिलाफ मैनचेस्टर में पहला शतक लगाया था। यहां पर उन्होंने 119 नाबाद रन की पारी खेली थी।
79 वनडे मैच के बाद लगी पहली वनडे सेंचुरी
सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वनडे की शुरुआत 1989 में की थी लेकिन 1994 में जाकर उन्होंने अपना पहला शतक ठोका था। इस बीच वे 79 मैच खेल चुके थे। इस बीच उन्होंने 7 टेस्ट सेंचुरी जरूर बना ली थी।
अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों में पहली बार दोहरा शतक लगाया
सचिन तेंदुलकर पहले ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों में पहली बार दोहरा शतक लगाया था। यह कारनामा उन्होंने ग्वालियर के स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करके दिखाया था।
नर्वस नाइंटीज का मामला
जब सचिन क्रिकेट के मैदान में खेलते रहे तब उनके साथ एक टर्म और बनी। नर्वस नाइंटीज। यह वह शब्द है जिसने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा परेशान किया। पता नहीं क्यों सचिन तेंदुलकर जब भी 90 रन का आंकड़ा छूते थे उनका बल्ला कुछ नर्वस हो जाता था। स्ट्राइक रेट गिर जाता था और कई बार वे इसी में आउट भी हो गए। 90-99 के निजी स्कोर के बीच सचिन तेंदुलकर करीब 28 बार पैवेलियन लौट गए।