April 26, 2024

बी.एम.डब्लयू.के शो-रूम पर निगम ने क्यों जड़ा ताला

फरीदाबाद: फरीदाबाद नगर निगम ने बकाया पड़ी सम्पत्ति कर की राशि को वसूल करने के लिए एक बड़ी कार्यवाही करते हुए आज यहां बी.एम.डब्लयू. कार के शो-रूम को सील कर दिया। प्लाट नं. 1 सेक्टर 27 बी दिल्ली मथुरा रोड़ पर स्थित मैसर्स डोशिए मोटरआन के नाम के इस शो-रूम के विरूद्ध सम्पत्ति कर की एक करोड़ रूपये से अधिक की राशि पिछले काफी समय से बकाया पड़ी हुई है, वही बार-बार नोटिस दिये जाने के बावजूद इस कम्पनी के द्वारा जमा नहीं करवाई जा रही थी। इसके अलावा सूरजकुंड रोड़ स्थित राजेन्द्र नाथ फार्म हाउस को भी लगभग 3 लाख रूपये की सम्पत्ति कर की राशि जमा न करवाने पर आज सील किया गया। नगर निगम प्रशासन ने सभी बकायेदारों को चेतावनी दी है कि वह अपना बकाया सम्पत्ति कर तुरंत जमा करवा दें अन्यथा उनके संस्थानों के विरूद्ध भी इसी प्रकार की कार्यवाही अम्ल में लाई जायेगी।

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दरसल, निग्मायुक्त डा. आदित्य दहिया के निर्देश पर निगम के फरीदाबाद ओल्ड जोन के संयुक्त आयुक्त अमरदीप जैन के नेतृत्व में आज प्रात: आठ बजे की गई इस कार्यवाही में निगम के ओल्ड जोन के एल0एल0ओ0 धनराज सिंह, एल0एल0ओ0 मुख्यालय रतन लाल रोहिल्ला, निरीक्षक महेन्द्र कुमार, निरीक्षक संजय चपराना, इन्फोर्समेंट विंग के कर्मचारी और भारी पुलिस बल ने भाग लिया। जिलाधीश के आदेशानुसार डयूटी मजिस्टैट का जिम्मा भी श्री जैन ने ही संभाला हुआ था। एल0एल0ओ0 मुख्यालय रतन लाल रोहिल्ला ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार व निग्मायुक्त डा. आदित्य दहिया के निर्देश पर नगर निगम ने अपनी कमजोर वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए सम्पत्ति कर मद में बकाया पड़ी करोड़ो रूपये की वसूली के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिये हैं, जिसमें सबसे पहले बड़े-बड़े डिफाल्टर्स की सम्पत्ति नीलाम करने, कुर्क करने व सील करने आदि की कार्यवाही की जायेगी।

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उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 890 ऐसे सम्पत्ति कर डिफाल्टर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किये जा रहे हैं, जिनके विरूद्ध एक लाख रूपये या इससे अधिक की राशि बकाया पड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि एक ओर निगम की कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण न केवल आम जनता को अति आवश्यक जनसुविधायें प्रदान करने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर बड़े-बड़े डिफाल्टर्स निगम का करोड़ो रूपये का सम्पत्ति कर का भुगतान नहीं कर रहे हैं जिसे व्यापक जनहित में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि अभी तक चिन्हित किये गये इन एक लाख रूपये या इससे अधिक सम्पत्ति कर डिफाल्टर्स के विरूद्ध लगभग 24 करोड़ रूपये का सम्पत्ति कर बकाया है।