April 27, 2024

N.I.T. Faridabad अवैध निर्माण के कारण रहने लायक नहीं !

Faridabad, (जगन्नाथ गौतम) : कभी शहर की शान समझे जाने वाला एनआईटी फरीदाबाद लोगों के रहने लायक नहीं रह गया है। अवैध निर्माणों के चलते यहां सारी जनसुविधाएं दम तोड़ रही हैं। रिहायशी इलाके बाजारों में तब्दील हो चुके हैं या हो रहे हैं। घनी आबादी और वाहनों की बढ़ती तादात ने शहर को जाम सा कर दिया है। बाजारों में वाहन लेकर जाना तो क्या पैदल चलना तक मुश्किल हो चुका है।

कुछ सालों पहले तक एनआईटी फरीदाबाद में अनेक उद्योगपति,बड़े व्यापारी सब यहीं रहते थे, लेकिन एनआईटी की सूरत बदलने के कारण धीरे-धीरे ये सब लोग सैक्टरों में जा बसे हैं। अब तो हालत यह हो गई है कि एनआईटी में कोई अपनी लड़की की शादी भी नहीं करना चाहता, इसलिए अच्छे घरों से रिश्तों के लिए लोगों का सैक्टरों की तरफ पलायन अब भी लगातार जारी है।

एनआईटी की इस दुर्दशा के लिए कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि भू-माफिया,बिल्डर,प्रोपर्टी डीलर, भ्रष्ट निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधि इसके लिए जिम्मेदार हैं।सब मिलकर अपनी जेबें भरने में लगे हैं शहर जाए भाड में। पहले अवैध निर्माण कराने के लिए भ्रष्ट निगम अधिकारी ही अपनी जेबें भरते थे बाद में कई भ्रष्ट पार्षद और अन्य जनप्रतिनिधि तथा सत्ताधारी दल से जुड़े नेता भी बहती गंगा में अपने हाथ धोनेे लगे। जितना बड़ा अवैध निर्माण उतनी ही मोटी रिश्वत जो हजारों में नहीं अब लाखों में पंहुच गई है।
एनआईटी मार्कीट नब्ंार एक में चल रहे एक बड़े अवैध निर्माण को बनवाने के लिए एक सत्ताधारी दल के नेता द्वारा लाखों रूपये की रिश्वत लेने की चर्चा जोरों पर है इसमें किसका कितना हिस्सा है इसके भी कयास लगाए जा रहे हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि फरीदाबाद में अवैध निर्माण अवैध कमाई का बड़ा धंधा बन चुका है। जिसमें भ्रष्ट अधिकारी और सत्ताधारी दल से जुड़े लोग मोटी कमाई करते हैं। इसी के चलते अवैध निर्माणों के खिलाफ शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं होती। सिर्फ वो ही अवैध निर्माण तोड़े जाते हैं जहां डील सिरे नहीं चढ़ती अथवा चढ़वा नहीं चढ़ाया जाता ।

तोडऩे के बाद नए सिरे से डील होती है और टूटा हुआ निर्माण फिर से बन जाता है। ऐसा कोई निर्माण नहीं है जो तोड़ा गया हो और बाद में न बना हो। एनआईटी में जो लोग अभी रह रहे हैं वे वाहनों के भारी पॉल्यूशन,धूल ,मिट्टी,शोर -शराबे के कारण कई बिमारियों से ग्रस्त होते जा रहे हैं। पार्किंग की जगह न बचने केे कारण रोज झगड़े होते हैं। बाजारों में अतिक्रमण के चलते वाहनों को ले जाना मुश्किल हो गया है।

निगम प्रशासन द्वारा वाहनों की पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अतिक्रमण के खिलाफ भी कोई अभियान न चलने से यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। क्या कोई एनआईटी फरीदाबाद की सुध लेगा……..? या सब अपनी जेबें ही भरने में लगे रहेंगे।