April 25, 2024

एडवांस्ड इंस्टीट्यूट में फार्मास्युटिकल साइंस रिसर्च पर नेशनल कांफ्रेंस आयोजित

Palwal/Alive News : एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी द्वारा फार्मास्युटिकल साइंस रिसर्च पर एक-दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कांफ्रेंस में औद्योगिक तथा विभिन्न फेकेल्टी के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कांफ्रेंस का उद्घाटन संस्थान के चेयरमैन विनय गुप्ता, एपीआई रिसर्च सनफार्मा गुरूग्राम के सीनियर जीएम डॉ.कप्तान सिंह, सीओपी के प्रिंसीपल डॉ.गजेन्द्र, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.कंचन कोहली, एईआई के डॉयरेक्टर आर.एस.चौधरी, प्रिंसीपल एआईपी नीलम सिंगला तथा आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी अर्पणा राणा ने किया। अर्पणा राणा ने वहां आए सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

वहीं विभिन्न डेलिगेट्स ने आगुंतकों को कुछ गतिविधियों के महत्व से अवगत कराया। डॉ.कप्तान सिंह ने मुख्यातिथि के तौर पर प्रोसेस डवलपमेंट ऑफ जेनेरिक ड्रग्स में आ रही चुनौतियां को लेकर कॉलेज के छात्र-छात्राओं तथा अन्य प्रतिनिधियों को बहुत ही रोचक व्यख्यान देते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। वहीं गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर कांफ्रेंस में रोहतक से आए सीओपी के प्रिंसीपल डॉ.गजेन्द्र ने फार्मास्युटिकल में पोटेशियम साइनाइड की उपयोगिता को लेकर अपना व्यख्यान दिया। जबकि जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर कंचन कोहली ने फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में इस तरह के सम्मेलनों की आवश्यकता पर अपने विचार साझा किए और नियमित रूप से दवा पेशेवर की भलाई के लिए इस तरह की गतिविधियों के आयोजन करने के लिए जोर दिया।

कांफ्रेंस में साईंसटिफिक पोस्टर/मौखिक सेशन जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी दिल्ली के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० एम.शकीकुजमान तथा एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० अबुल कलाम नजमी के व्य यान से शुरू हुआ। कांफ्रेंस में पोस्टर में पहला स्थान वरूण तथा दूसरा स्थान एआईपी के अंकुर और जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी की शिल्पा ने जीता। जबकि मौखिक सेशन में अपनी बेस्ट प्रस्तुति देने में एआईपी की निधि व हमदर्द यूनिवर्सिटी की गरिमा का चुना गया। इन सबको नगद इनाम व सर्टिफिकेट देकर स मानित किया गया।

एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी की एसोसिएट प्रोफेसर रूचिका कालरा तथा विकास जोगपाल ने सेशन का समापन स ाी आगुंतक अतिथियों का धन्यवाद और समापन भाषण के साथ किया। यह कांफ्रेंस वास्तव में एक महत्वपूर्ण कांफ्रेंस थी जिससे लोगों का ज्ञानवद्र्वन हुआ।