April 27, 2024

NHRC ने दिए मध्यप्रदेश व फरीदाबाद पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश

कमीशन के आदेश, पीडि़त नरेंद्र कुमार को मध्यप्रदेश पुलिस दे 50 हजार रूपए हर्जाना

Faridabad/ Alive News:  झूठे मामले में सेक्टर-55 के समाजसेवी एवं आरटीआई कार्यकर्ता नरेंद्र कुमार को फंसाने के आरोप में मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश के चार पुलिस कर्मचारी एवं फरीदाबाद के एक पुलिस कर्मचारी को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए है। आयोग की पहल पर पीडि़त को मध्यप्रदेश पुलिस की ओर से 50 हजार रूपए की राशि हर्जाने के रूप में देने को कहा है। सेक्टर-55 निवासी समाजसेवी एवं आरटीआई कार्यकर्ता नरेंद्र कुमार ने प्रेस नोट के माध्यम से बताया कि 15 जनवरी, 2013 को सेक्टर-55 पुलिस व मध्यप्रदेश पुलिस उनका जबरन अपहरण करके उन्हें ग्वालियर ले गई, वहां उनके खिलाफ थाना हजीरा व बोहरापुर में वर्ष 2012 दर्ज दो झूठे मामलों में फंसाने का प्रयास किया, जबकि बकौल नरेंद्र कभी भी जीवन में ग्वालियर नहीं गए थे। मध्यप्रदेश पुलिस ने उनके क्षेत्र के एक व्यापारी से सांठगांठ कर फर्जी मामले में फंसाया था परंतु उच्चस्तरीय जांच के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। इस मामले की शिकायत उन्होंने मानवाधिकार आयोग में दी थी, जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को अपना पक्ष रखने को कहा था परंतु मध्यप्रदेश पुलिस की तरफ से कोई भी मानवाधिकार आयोग में पेश नहीं हुआ था। नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में अब मानवाधिकार आयोग ने थाना सेक्टर-55 के एएसआई मकसूद, मध्यप्रदेश के थाना हजीरा के एसएचओ मोहम्मद इस्माईल, हैड कांस्टेबल राधेश्याम, अजय पटेल व कमल सिंह को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दिए है. वहीं कमीशन ने पीडि़त नरेंद्र कुमार को 50 हजार रूपए की राशि हर्जाने के रूप में देने को कहा है। नरेंद्र कुमार ने बताया कि यह पूरा षडयंत्र उन्हें इसलिए फंसाने के लिए रचा गया था क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर पूर्व पुलिस कमिश्रर व एक बसपा नेता के खिलाफ अदालत में इस्तगासा दायर किया हुआ था, इसी मामले के चलते उन पर दबाव बनाया गया, परंतु उन्होंने इस्तगासा वापिस लेने से मना कर दिया तो उनका अपहरण करा उनकी हत्या करने की साज़िश रचि गई थी। उन्होंने मानवाधिकार आयोग से मांग की है कि इस पूरे घटनाक्रम में कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल थे, इसलिए उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाए।