April 19, 2024

अब आमजन के सहयोग से सार्वजनिक स्थलों को तंबाकू मुक्त बनाऐंगी पुलिस

Faridabad/Alive News : श्रीमान पुलिस आयुक्त डा.हनीफ कुरेशी ने कहा है कि जिलेभर में बच्चों व युवाओं को तंबाकू उत्पादों के सेवन से दूर रखने के लिए पुलिस अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर एक पहल कर रही है, जिससे युवा पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित व स्वस्थ बनाने के सार्थक प्रयास किये जायेंगे। प्रदेश में करीब 116 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों के सेवन की शुरुआत करते है, साथ ही 28 हजार लोग बेमौत इससे मर रहे है। जो कि बेहद चिंता का विषय है।

पुलिस व अन्य सहयोगी संस्थाएं मिलकर तंबाकू उत्पादों की रोकथाम के लिए कोटपा 2003 को लागू कराने के लिए काम करेंगी। पुलिस आयुक्त ने पुलिस, संबध हैल्थ फाउंडेशन व वायस ऑफ टोबेको विक्टिमस की ओर से तंबाकू नियंत्रण में कोटपा एक्ट पर जागरुकता बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि पुलिस आमजन के सहयेाग से सार्वजनिक स्थलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए काम करेगी और जिले को तंबाकू मुक्त बनाकर एक रोल माडॅल के रुप में पेश किया जायेगा।

इन उत्पादों की रोकथाम के लिए कोटपा (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) को प्रभाव में लाया जायेगा। इसके लिए पूरे जिले में अभियान चलाया जायेगा। उन्होने कहा कि इसके लिए जिलेभर के सभी अधिकारियों, पुलिस थानाधिकारियों में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के प्रति समझ विकसित करने के लिए यह बैठक आयेाजित की गई है। जिसमें विशेंषज्ञों के द्वारा कोटपा एक्ट से संबधित तकनीकी जानकारी प्रदान की गई। अब इस बैठक के बाद अभियान चलाकर तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर निषेध और सार्वजनिक स्थलों में धूम्रपान पर कड़ा प्रतिबन्ध लगाने के लिए कार्य होगा।

इस कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त डॉ.हनीफ कुरैशी के अलावा हैल्थ फाउडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर नई दिल्ली डॉ.हिना श्ेाख, कोर्डिनेटर प्रमोद कुमार, डॉ. सोमिल रस्तौगी व अन्य पुलिस के अधिकारी भी उपस्थित थे। वहा पर मौजूद हैल्थ फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ.सोमिल रस्तौगी ने कहा कि प्रदेश में 43 लाख लोग किसी न किसी रुप में तंबाकू उत्पादों का सेवन करतें है जिसमें 35 लाख लोग सीधे तौर पर धूम्रपान करते है। वंही भारत में 5500 बच्चे हर दिन तंबाकू सेवन की शुरुआत करते हैं और वयस्क होने की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। तंबाकू उपयोगकर्ताओं में से केवल 3 प्रतिशत ही इस लत को छोडऩे में सक्षम हैं।

इसीलिए यह आवश्यक है की हम बच्चों को तम्बाकू सेवन की पहल करने से ही रोके। पुलिस द्वारा इस प्रकार के अभियान चलाने से आमजनता में जागरुकता आएगी और कोटपा का पालन करने से सार्वजनिक स्थानों पर इसका प्रचलन भी कम होगा।

उन्होने बताया कि सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003, के तहत सरकारी कार्यालयों, मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालयों, अस्पतालों, स्टेडियमों, होटल, शॉपिंग मॉल, कॉफी हाउस, निजी कार्यालयों, अदालत परिसरों, रेलवे स्टेशनों, बस सभागारों, सार्वजनिक परिवहन, शैक्षणिक संस्थानों, चाय-स्टालों, सडक़ के किनारे भोजनालयों और अन्य सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान पर पाबंदी है।