March 29, 2024

खसरा और रुबैला टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करे अधिकारी : अनीस

Kurukshetra/Alive News : अतिरिक्त उपायुक्त अनीय यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र अति शीघ्र रुबैला और खसरा टीकाकरण अभियान के तहत 9 माह से 15 वर्ष तक की आयुवर्ग के 100 फीसदी बच्चों का टीकाकरण करना होगा। हालांकि स्वास्थय विभाग ने 95 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य को हासिल कर लिया है। इसलिए शेष 5 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण करने के लिए अधिकारी डोर टू डोर जाना सुनिश्चित करे।

वे लघु सचिवालय के एनआईसी कार्यालय में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरआर जोवेल और महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा. सतीश कुमार अग्रवाल व स्वास्थ्य विभाग के आईएएस अधिकारी पी अवनीत कुमार ने वीडियो कान्फेंसिंग के जरिए खसरा और रुबैला टीकाकरण अभियान के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इतना ही नहीं एसीएस आरआर जोवेल ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि उपायुक्त की अनुमति के बिना कोई भी सीएमओ किसी भी दिन स्टेशन छोडक़र नहीं जाएगे। इस मामले की गम्भीरता को समझना होगा और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

एडीसी अनीस यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने जिला कुुरुक्षेत्र में 25 अप्रैल से लेकर 22 मई तक 2 लाख 44 हजार 946 नौ माह से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों में से 2 लाख 42 हजार 491 बच्चों का टीकाकरण कर लिया गया है और यह अभियान 30 मई तक जारी रहेगा।

इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 100 फीसदी लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। जिले में माईक्रो प्लानिंग के साथ कार्य किया जा रहा है और बार-बार मुल्यांकन करने के बाद लक्ष्य को पूरा करने का हर भरसक प्रयास टीमों द्वारा किया जा रहा है। इतना ही नहीं कमजोर कवरेज वाले क्षेत्र को आगे लाने के लिए सम्बन्धित क्षेत्र की एएनएम पूरी मुस्तैदी के साथ काम करेंगी।

उन्होंने कहा कि खसरा बिमारी के कारण निमोनिया,दस्त और दिमागी बुखार हो जाते है और जिसके चलते इस बिमारी से ग्रस्त व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। जहां तक रूबैला का सवाल है यह एक वायरस होता है जिसके कारण शरीर पर चितके से हो जाते है। गर्भवती महिलाओं को यदि यह बिमारी हो जाए तो इसके कारण बुखार आता है और माता और बच्चे की मृत्यु हो सकती है या फिर बच्चा अविकसित पैदा हो सकता है।

जो शारिरिक और मानसिक रूप से भी कमजोर होता है। इस बिमारी के कारण बच्चा अपंग भी हो सकता है। इस मौके पर सीएमओ डा. एसके नैन, डिप्टी सीएमओ अनुपमा, डीईओ नमिता कौशिक, डीईईओ सतनाम भट्टी, महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी राजबाला कटारिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।