April 19, 2024

शहर को शौच मुक्त बनाने के लिए अधिकारियों को दी जाएगी ट्रेनिंग

Faridabad/Alive News : स्वच्छ भारत मिशन के तहत चल रहे स्वच्छता पखवाड़े के उपलक्ष्य में नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त पार्थ गुप्ता ने शहर को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए बैठक ली। बैठक में स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी श्याम सिंह, उपेन्द्र, एसडीओ उमर फारूख और वार्ड के जेई, एसई, एएसआई सहित अन्य कर्मचारीगण मौजूद थे। पार्थ गुप्ता ने निगम के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए कि 30 जून 2017 तक फरीदाबाद शहर को खुले में शौच मुक्त बनाए।

मीटिंंग में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रण लिया कि आज से हम नमस्ते की जगह जय स्वच्छता बोलेंगे। अतिरिक्त आयुक्त ने सभी एसआई और एएसआई दरोगा को निर्देश दिय कि शहर को 30 जून तक खुले में शौच मुक्त करने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में प्लान तैयार करें और उसकी रिपोर्ट 7 अप्रैल 2017 निगम मुख्यालय में दें। उन्होंने कहा कि 10 अप्रैल 2017 को निगम सभागार में शहर को खुले में शौच मुक्त करने के लिए ट्रेनिंग का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें दरोगा स्तर के कर्मचारियों को भी शहर को खुले में शौच मुक्त करने बारे प्रशिक्षण दिया जाएगा।

अतिरिक्त आयुक्त ने बैठक में अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शहर को खुले में शौच मुक्त करने के लिए समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं ने जागरूकता अभियान भी चलाया हुआ है परन्तु अब भी शहर को पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त नहीं किया जा सका है। ऐसे में सफाई विभाग के अधिकारियों व सफाई निरीक्षक खुले मे शौच मुक्त करने के लिए शहरवासियों को प्रेरित करें और अपनी टीम के साथ मिलकर शहर के सार्वजनिक शौचालयों व रेलवे लाईनों और जहां पर नागरिक खुले में शौच करते है के नजदीक के क्षेत्रों में प्रात: 5 बजे से लेकर 9 बजे तक नागरिकों को खुले में शौच जाने से होने वाली बीमारियों के बारे में अवगत कराये और वार्ड के स्लम एरिया वाले क्षेत्रों में जहां पर शौचालयों की व्यवस्था नहीं है कि जानकारी लेकर उस क्षेत्र में शौचालयों का निर्माण करवाये।

ताकि 30 जून 2017 तक फरीदाबाद शहर को खुले में शौच मुक्त बनाया जा सके। सार्वजनिक शौचालयों का नवीनीकरण किया जा रहा है और शौचालयों का निर्माण करने के लिए नगर निगम के द्वारा दी जा रही 14000 रूपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। यदि घरों में शौचालय बनाने की जगह नहीं है तो ऐसे लोगों को बिमारियों से बचने की खातिर सामुदायिक शौचालयों का उपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया गया है।