April 20, 2024

स्वस्थ खानपान और जीवनशैली से दिल को बीमार होने से बचाएं

Faridabad/Alive News :  विश्व हृदय दिवस के मौके पर एशियन अस्पताल ने अपने प्रांगण में दिल संबंधी बिमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋषि गुप्ता, डॉ. सिम्मी मनोचा, डॉ. सुब्रत अखौरी और डॉ. उमेश कोहली ने लोगों को हृदय संबंधी बिमारियां, उनके कारण, उपचार व सावधानियों के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में डॉ. पी.एस आहुजा, डॉ. गीतिका विरदी और अस्पताल के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।

एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल के डायरेक्टर कार्डियोलॉजी, कैथलैब एवं सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ऋषि गुप्ता ने बताया कि पिछले एक दशक में हृदय रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। इसमें सबसे अधिक युवा है। हमारे खानपान का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। आमतौर पर माना जाता है कि हृदय रोगियों को अधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। हमारे यहां पर कार्बोहाइड्रेट युक्त डाइट प्रमुख है। जब मरीज डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर उन्हें घी-तेल खाने के लिए मना कर देते हैं, ऐसे में मरीज उसकी मात्रा कम करने की बजाय घी-तेल का सेवन बिल्कुल बंद कर देते हैं।

डॉ. ऋषि का कहना है कि एक नवीनतम रिसर्च में बताया गया है कि कार्बोहाइड्रेट की मात्रा फैट की मात्रा से ज्यादा हानिकारक है। संपूर्ण डाइट की 70 प्रतिशत से अधिक कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आती है तो ऐसे मरीज को दिल संबंधी बीमारियों की संभावना 25 प्रतिशत बढ़ जाती हैं। यदि डाइट से  50 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आ रही है और 30 प्रतिशत कैलोरी फैट से आ रही है उन मरीजों में दिल की बीमारियों  की संभावना 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

अब तक हमारे द्वारा सलाह दी जाती थी कि सैचुरेटिड फैट जैसे मैदा, चीनी, चावल आदि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, लेकिन अब हम यह सलाह देते हैं कि यदि 5-10 प्रतिशत सैचुरेटिड फैट यानि कुछ मात्रा में घी-तेल के सेवन हानिकारक नहीं है। मरीज को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। निश्चित मात्रा में घी-तेल या मक्खन, अंडे के पीलेे भाग, प्रतिदिन 400 मिलीलीटर दूध, पनीर, फल, हरी सब्जियों, अंकुरित दालों और सूखे मेवे का निश्चित मात्रा में सेवन करना चाहिए। मासांहारी खाना जैसे रेड मीट के सेवन से परहेज करें। ओमेगा-3 युक्त तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।