Bhiwani/Alive News : प्राइवेट स्कूलों के मुद्दों को लेकर प्रधान रामअवतार शर्मा के नेतृत्व में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन भिवानी का एक राज्य स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन जगबीर सिंह से मिला। प्रतिनिधिमंडल में राज्यभर से आये प्राइवेट स्कूलों के संचालक मौजूद थे। मीटिंग बहुत ही सौहार्दयपूर्ण माहौल में हुई। प्राइवेट स्कूलों की और से प्रधान रामअवतार शर्मा ने बोर्ड चेयरमैन का अभिनंदन किया। उन्हें ज्ञापन सौंपा और साथ ही प्राइवेट स्कूलों के सामने आ रही दिक्कतों से अवगत करवाया।
मीटिंग में अपनी मांगें रखते हुए रामअवतार शर्मा ने बोर्ड चेयरमैन से अनुरोध किया कि ग्रामीण क्षेत्र के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के सेंटर सरकारी स्कूलों के बच्चों की तरह ही उन्हीं के गावों में रखे जाए। गांव से दूर परीक्षा सेंटर आने पर बच्चों को परीक्षा देने में बहुत दिक्क्त होती है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से लड़कियां बसों में सफर करके सेंटर पर नहीं पहुँच पाती और इस वजह से उन्हें तनाव भी होता है। जिससे उनका परीक्षा परिणाम भी प्रभावित होता है। बॉर्ड चेयरमैन ने मांग मानते हुए आश्वासन दिया कि जितना सम्भव होगा परीक्षा सेंटर नज़दीक से नज़दीक बनाये जायेंगे।
एसोसिएशन की दूसरी मांग रखते हुए रामअवतार शर्मा ने बोर्ड चेयरमैन से अनुरोध किया कि इस बार बोर्ड परीक्षाओं में ओएमआर शीट का प्रयोग न किया जाये क्योंकि ये पहली बार है। इससे बच्चे दुविधा में होंगे और गलतियां करेंगे। बच्चों की ओएमआर शीट के साथ किसी तरह की प्रैक्टिस भी नहीं हुई है और ये निश्चित ही बच्चों में घबराहट का कारण बनेगा। इसलिए साधारण आंसर शीट पर ही पूरी परीक्षा ली जाये।एसोसिएशन की तीसरी मांग बोर्ड चेयरमैन के सामने रखते हुए रामअवतार शर्मा ने मांग की कि जो सम्बद्धता का निरंतरता शुल्क बोर्ड द्वारा प्राइवेट स्कूलों से लिया जा रहा है उसे खत्म किया जाये। यदि खत्म करना सम्भव नहीं तो शुल्क की राशि आधी की जाये।
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सोसिएशन ने चौथी मांग बोर्ड द्वारा आठवीं के बोर्ड की ली गयी फीस रिफंड करने की रखी। रामअवतार शर्मा ने बोर्ड चेयरमैन को अवगत करवाया कि पिछले कुछ वर्षों से बोर्ड लगातार आठवीं में बोर्ड की परीक्षाएं करवाने के नाम पर फीस ले रहा है। लेकिन अभी तक आठवीं में बोर्ड लागू नहीं हुआ है इसलिए बोर्ड द्वारा ली जा रही फीस स्कूलों को रिफंड की जाये।
उन्होंने बोर्ड द्वारा प्राइवेट स्कूलों में प्रैक्टिकल परीक्षा लेने के लिए सरकारी शिक्षक भेजे जाने का मुद्दा उठाते हुए बोर्ड चेयरमैन से अनुरोध किया कि सीबीएसई के पैटर्न पर प्राइवेट स्कूलों के अध्यापक ही प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए भेजे जाएँ क्यूंकि ऐसा देखा गया है कि सरकारी स्कूलों के अध्यापक प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के साथ भेदभाव करते हैं जिससे उनके बॉर्ड परिणाम पर असर पड़ता है।
प्राइवेट स्कूलों कि महत्वपूर्ण मांग रखते हुए रामअवतार शर्मा ने बोर्ड चेयरमैन से अनुरोध किया कि दो विषयों में फ़ैल होने पर भी कम्पार्टमेंट ही दी जाये। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक शिक्षा बोर्ड दो विषयों में फेल होने पर कम्पार्टमेंट देता था। जिससे बच्चों का एक साल खराब होने से बच जाता था। रामअवतार शर्मा ने चेयरमैन से पुरानी व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया। बोर्ड चेयरमैन ने प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगों को मानते हुए सकारात्मक रूप से निर्णय लेने का आश्वासन देते हुए कहा कि बच्चों और प्राइवेट स्कूलों के हितों का ध्यान रखा जायेगा।