Faridabad/Alive News: महामारी में करीब ग्यारह महीने बाद स्कूल खुले हैं। ऐसे में निजी स्कूल संचालकों पर सिलेबस पूरा कराने तथा परीक्षा में बेहतर परिणाम देने का दवाब है। इसी बीच स्कूल संचालकों के लिए एक और बड़ी समस्या निकलकर सामने आ रही है। जिसको लेकर निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखा है और इन समस्याओं का समाधान मांगा है।
दरअसल, कोरोना के कारण बाधित हुई छात्रों की पढ़ाई को लेकर स्कूल संचालकों में टेन्शन हैं। उधर, सरकारी स्कूलों में सेवानिवृत अध्यापकों की दोबारा से नियुक्ति की गयी है और सभी अध्यापकों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं जिससे छात्रों को पढ़ाई को लेकर किसी भी प्रकार की कोई समस्या न आए। लेकिन अब निजी स्कूल संचालकों के लिए एक नई समस्या उभर कर आ गयी है जिसके संबंध में उन्होंने शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन करने की अपील की है।
निजी स्कूल संचालकों के अनुसार अभी भी बहुत सारे छात्र स्कूल नहीं आ रहे है और ऑनलाइन क्लास भी नहीं ले रहे है। ऐसे में उन्हें सीसीई के नंबर देना चुनौतीपूर्ण है। बच्चों के स्कूल न आने से सामान्य जागरूकता और सह पाठयक्रम गतिविधि के नंबर देना भी मुश्किल हो रहा है। अभिभावक छात्रों को स्कूल नहीं भेज रहे है और फीस भी नहीं दे रहे है ऐसे में निजी स्कूलों को आर्थिक नुकसान होने की सम्भावना है। यदि कोई छात्र प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल नहीं होता तो उसका परिणाम कैसे तैयार किया जाएगा। ऐसे में इन सभी समस्याओं से जूझ रहे निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग से पत्र के माध्यम से समाधान की अपील की है। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग कब तक इन समस्याओं का समाधान करता है।