April 25, 2024

गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए निजी स्कूलों को बजट का इंतजार

Rewari/Alive News : शिक्षा नियमावली 134ए के तहत गरीब और मेधावी बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा देने के लिए सरकार के पास बजट ही नहीं है। सरकार द्वारा इन बच्चों को पढ़ाने के लिए निजी स्कूलों को दिया जाने वाला बजट अभी तक नहीं मिला है। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि यदि सरकार ने जल्द बजट नहीं दिया तो शैक्षणिक सत्र में ऐसे बच्चों को निश्शुल्क दाखिला नहीं दे सकेंगे।

1200 व 300 रुपये प्रति विद्यार्थी देना था बजट: निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि पिछले साल दाखिला के दौरान सरकार ने प्राइमरी व अपर प्राइमरी के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए बजट जारी करने की घोषणा की थी। इसके तहत प्राथमिक कक्षा तक के बच्चों के लिए 200 रुपये तथा छठी से ऊपर के बच्चों के लिए 300 रुपये प्रति विद्यार्थी प्रत्येक माह के हिसाब से पढ़ाई का खर्च देने की घोषणा की थी। सत्र समाप्त होने के करीब है, लेकिन सरकार की ओर से इसके लिए बजट जारी नहीं किया गया है।

यह केवल रेवाड़ी की समस्या नहीं है। पूरे प्रदेश के स्कूलों की है। मुख्यालय ने ही बजट का वितरण करना है। इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। बजट के अभाव में बच्चों को दाखिला देने से इंकार नहीं किया जा सकता। निजी स्कूलों की आपत्ति से अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। जिससे आवश्यक कदम उठाए जा सकें-धर्मवीर बल्डोदिया, जिला शिक्षा अधिकारी।

कोई भी स्कूल संचालक बच्चों को पढ़ाने से इंकार नहीं कर रहा है, लेकिन सरकार को नियमित रूप से भुगतान कराना चाहिए।आज तक एक रुपया भी स्कूलों को नहीं मिल पाया है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां बहुत कम बच्चे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। सरकार को इसके लिए गंभीरता दिखानी चाहिए

– डॉ. सूर्यकमल, प्रधान, रेवाड़ी प्राइवेट स्कूल वैलफेयर एसोसिएशन रेवाड़ी।