March 28, 2024

प्रद्युमन मर्डर केस : सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार हुए रेयान समूह के लीगल हैड और एचआर

Alive News : गुरुग्राम में रेयान इंटरनेशनल स्कूल परिसर में सात वर्षीय स्कूली छात्र की निर्मम हत्या के संबंध में गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के दो शीर्ष अधिकारियों को सोमवार को अरेस्ट किया और कहा कि मामले में सबूत नष्ट करने का प्रयास किया गया. पुलिस ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल समूह के लीगल हैड फ्रांसिस थॉमस और एचआर हैड जेयस थॉमस को गिरफ्तार किया. इन्हें सोहना की अदालत में पेश किया गया था जिसने उन्हें दो दिनों के लिये पुलिस हिरासत में भेज दिया.

क्या कहना है पुलिस का
गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने कहा कि मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) का मानना है कि मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की गई. खिरवार ने कहा, ‘एसआईटी ने सोहना अदालत को बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि सबूतों को नष्ट किया गया. बच्चा जहां मृत पाया गया था, वहां घटनास्थल से खून के धब्बों को धोने का प्रयास किया गया. उसके पानी के बोतल और बैग पर लगे खून के निशान को मिटाने का प्रयास किया गया. कुछ अन्य सबूतों से भी छेड़छाड़ की गयी.’

खिरवार ने कहा कि आरोप पत्र दायर करते वक्त स्कूल प्रबंधन या किसी अन्य कर्मचारी के इसमें संलिप्त पाये जाने पर उनके खिलाफ हम लोग उचित धाराएं लगाएंगे. हरियाणा पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून प्रबंधन मोहम्मद अकील ने भी अपराध स्थल का दौरा किया था.

बता दें कि दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्‍न का शव गत शुक्रवार को स्कूल के शौचालय में मिला था. उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी. इस मामले में बस परिचालक अशोक कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा हरियाणा सरकार से जवाब
पीड़ित बच्चे के पिता ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इस याचिका पर न्यायालय ने केन्द्र और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस तरह की घटनाओं के मामले में स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी निर्धारित करने और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिये दिशानिर्देश बनाने के अनुरोध पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से भी जवाब मांगा है. बोर्ड को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देना है.

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि ‘यह याचिका सिर्फ संबंधित स्कूल तक सीमित नहीं है क्योंकि इसका देशव्यापी प्रभाव है.’ बच्चे के पिता वरूण चन्द्र ठाकुर ने वकील सुशील टेकरीवाल के माध्यम से दायर याचिका में कहा कि इस संबंध में शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए.