April 19, 2024

स्कूलों ने पढ़ा ‘सेफ स्कूल, सेफ चाइल्ड’ का पाठ

Chandigarh/Alive News : स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक फरमान जारी किया गया है, जिसके तहत न तो बच्ची को सबसे पहले पिक किया जाएगा, न सबसे आखिर में ड्रॉप। हरियाणा के सभी स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग और हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग बेहद गंभीर हो गया है। इसी के मद्देनजर स्कूलों में अब ‘सेफ स्कूल, सेफ चाइल्ड’ का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों में एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शिक्षकों, अभिभावकों व प्राचार्यों को इस बारे में अवगत करवाया जाएगा।

इस वर्कशाप में हरियाणा शिक्षा विभाग और सीबीएसई द्वारा प्रद्युम्न हत्याकांड के बाद रिवाइज्ड किए गए स्टूटेंड सेफ्टी नार्म्स की जानकारी दी जाएगी। उधर, आयोग के वरिष्ठ सदस्य बालकृष्ण गोयल ने बताया कि स्कूलों को भी सभी नार्म्स मानने होंगे, वरना जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अन्य सदस्य सरदार परमजीत सिंह बड़ौला के अनुसार आयोग सभी जिलों में वर्कशाप कर इन नार्म्स की जानकारी दे रहा है। इस वर्कशाप में अफसर, अभिभावक व स्कूल प्राचार्यों को बुलाया जा रहा है।

हर स्कूल को अपनाने होंगे ये नार्म्स
सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में स्कूल सेफ्टी कमेटी का गठन करना अनिवार्य होगा। चेयरमैन प्रिंसिपल होंगे। फिजिकल एजुकेशन के टीचर, स्कूल कोआर्डिनेटर और स्कूल सिक्योरिटी इंचार्ज सदस्य होंगे
स्कूल बसों को पूर्व जारी नियमों का पालन करना होगा लेकिन कुछ नए नार्म्स भी मानने होंगे
– स्कूल बस या वैन सबसे पहले किसी भी छात्रा को न तो पिक करेगी और न ही आखिर में ड्राप करेगी। यानी स्कूल वाहन में छात्रा अकेले कतई नहीं रहेगी।

– वाहन चालकों का किसी प्रकार का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं होगा
– वाहन चालकों के खिलाफ यदि कोई शिकायत है, तो उस पर स्कूल प्रशासक 3 दिन में एक्शन लेगा।
– स्कूल वाहन में फीमेल टीचर और फीमेल हेल्पर जरूर रहेगी।

– हर जिले में डिस्ट्रिक्ट स्कूल सेफ्टी कमेटी का गठन भी किया जाएगा, डीसी चेयरमैन होंगे। जबकि सीपी/एसपी/डीसीपी, सिविल सर्जन, ईओ/जेसी एमसी, एक्सईएन बीएंडआर, आरटीए सचिव, डीटीपी, डीईओ, डीईईओ, प्राइवेट स्कूल का प्रतिनिधि सदस्य होंगे। कमेटी स्कूल का नियमित इंस्पेक्शन करेगी।
– स्कूल में न तो अभिभावक और कक्षा छोड़कर छात्र बिना वजह परिसर में घूमेंगे। उनके घूमने का विशेष उद्देश्य हो, इसे सुनिश्चित करना होगा।

– किसी भी छात्र को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना नहीं दी जाएगी
– स्कूली बच्चों की स्पेशल नीड्स पर स्पेशल अटेंशन दी जाएगी
– कक्षा में टीचर न तो छात्रों के बाल खीचेंगे, न उन पर गुस्से में चॉक मारेंगे, न उनकी बुक और नोटबुक फेकेंगे