April 27, 2024

…तो इन ‘फेक न्यूज़’ वालों का क्या करे ?

हर कोई मीडिया का इस्तेमाल करता है आजकल। कोई खबरों के लिए, कोई मनोरंजन के लिए और वोटों के लिए, सेलिब्रिटीज़ प्रमोशन के लिए, इसी प्रकार से हर कोई किसी न किसी प्रकार से इस्तेमाल कर रहा है। इसी वजह से मीडिया आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है, शायद सबसे महत्वपूर्ण। पर आजकल की बात कुछ और है, आजकल फेक न्यूज़ का समय चल रहा है।

23 तारीख को दो गलत खबरें आई, दोनों ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप में, अब ब्रेकिंग न्यूज़ के पीछे आवाज़ और दिखाने का तरीका ऐसा होता है कि देखने वाला तुरंत ध्यान लगा के देखने लगे और मानने लगे। यही वजह है कि हम तुरंत खबरों को मानने लगते हैं और उसके बारे में चर्चा करने लगते हैं।

पहली खबर थी AAP के 20 विधायकों के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट वाले केस में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को लेकर और दूसरी खबर थी झारखण्ड के दो राज्यसभा सीटों के बारें में। टी.वी. में गलत खबर बताई गयी और फिर सोशल मीडिया में कुछ मीडिया के लोगों ने इसके बारे में पोस्ट भी किया। अब हुआ ये कि कुछ ही समय में यह दोनों खबरों को फैला दिया गया वो भी देश के कुछ सबसे बड़े टी.वी. चैनल्स द्वारा।

उनके लिए यह बहुत आसान हो गया पर अब हमारा क्या? हम देखने वालों का क्या? हम जनता का क्या? आजकल बहुत लोग इंटरनेट चलाते है पर ज़रूरी नहीं है कि सबको ये पता चल जाए क्योंकि इंटरनेट बहुत बड़ी जगह है, आप कितना भी इस्तेमाल कर लें, आप उसका एक कोना ही देख पाएंगे। एक उदाहरण देता हूं मैं अपने घर का।

मेरे माता-पिता भी टी.वी. देखते हैं और इंटरनेट चलाते हैं लेकिन ख़बरों के लिए वह टी.वी को आज भी बेहतर मानते हैं जब कि आज कुछ एंकर ही टी.वी. पर साफ-साफ कहते हैं कि टी.वी. न देखें और मेरे माता पिता भी जानते हैं कि टी.वी. में आजकल फेक न्यूज़ चल रहा है। लेकिन अपने आपको टी.वी. देखने से और खबरें सुनने से नहीं रोक पाते उसी तरह से जिस तरह से कुछ लोग रोज़ सुबह चाय के साथ अखबार पढ़ते हैं, जिस तरह कुछ लोग सुबह उठकर ईमेल या फेसबुक देखते हैं।

ये सब अब आदतों मे शामिल हो गई है। हमारे इस भरोसे का अब ये चैनल्स गलत फायदा उठा रहे हैं, जैसा इन्होने 23 मार्च को दो गलत खबरें बता कर की। अब जब मुझे इन ख़बरों की सच्चाई पता है उसके बावजूद मैं कुछ नहीं कर सकता क्योंकि अब उन दोनों खबरों के बारें में चर्चा खत्म हो चुकी है, अब चर्चा दूसरी ख़बरों की है, शायद फिर से दूसरी गलत खबरों की।

इतनी गलत खबरें और जानकारी आजकल मीडिया में आने लगी हैं कि सिर्फ गलत चीज़ों के बारें में हम चर्चा करते रह जाते हैं। उनके पास खबरें फैलाने का तो सिस्टम है पर फैलाये हुए खबरें वापस लेने का नहीं।

दिक्कत गलत खबरों से तो है ही परन्तु उन गलत खबरों का प्रभाव उनसे भी खतरनाक है। अगर फेक न्यूज़ की वजह से दंगा हो सकता है तो हर रोज़ फेक न्यूज़ पढ़ने और सुनने से दिमाग में दंगा तो हो ही जाता होगा, जैसा मेरे दिमाग में होता है, अपने भविष्य को लेकर, समाज के भविष्य को लेकर और इनका कारण भी सिर्फ मीडिया है।