April 25, 2024

विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल में हुआ सोलर पॉवर सिस्टम का उद्घाटन

Faridabad/Alive News : ‘भारत एक तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था हैं, जिसमें 125 करोड़ से भी ज्यादा लोग शामिल हैं और जिन्हें ऊर्जा की बड़ी मात्रा में आवश्यकता है। इस मांग को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा का उपयोग सर्वोत्तम उपाय हैं, जिससे हम ऊर्जा की मांग एवं पूर्ति के बीच सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं।’ उक्त विचार डॉ.हनीफ कुरैशी, पुलिस आयुक्त फरीदाबाद ने विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, तिगांव में सोलर सिस्टम के उद्घाटन अवसर पर प्रकट किए।

बतौर मुख्यातिथि समारोह में पहुंचे डॉ. कुरैशी ने कहा कि विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल द्वारा उर्जा आपूर्ति के लिए सौर उर्जा का इस्तेमाल करना बेहतर प्रशंसनीय और सराहनीय कार्य है और उन्हें खुशी है कि स्कूल प्रशासन शिक्षा प्रसार के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक पहल कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहा है। डॉ. कुरैशी ने कहा कि देश में बिजली का 53 प्रतिशत उत्पादन कोयले से किया जाता हैं और ऐसा अनुमान लगाया जाता हैं कि वर्ष 2040-2050 तक ये भी समाप्त हो जाएगा। भारत की 72 प्रतिशत से अधिक जनता गाँवों में निवास करती हैं और इसमें से आधे गाँव बिना बिजली के ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

अब हम ऐसी स्थिति में आ गए हैं कि अब हमें ऊर्जा के अधिकाधिक उत्पादन के लिए ऊर्जा के संरक्षण के क्षेत्र में, उसके नविनीकरण एवं बचाव के लिए कदम उठाने चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने कहा कि सौर ऊर्जा हमारे वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। बिजली बनाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट का किया जाता है। कोयला जलाने से वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।

वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड बढऩे से वातावरण का तापमान बढ़ता है और वातावरण का तापमान बढऩे से ध्रुवीय क्षेत्रों के बर्फ के पिघलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इससे समुंद्र का स्तर बढ़ सकता है जिससे कई तटीय इलाके डूब सकते हैं। अगर इन सब खतरों से बचना है तो बिजली बनाने के लिए सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। स्कूल के डॉयरेक्टर दीपक यादव ने सोलर सिस्टम इंस्टाल किए जाने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब स्कूल की सारी उर्जा आवश्यकताएं सौर उर्जा के माध्यम से पूरी की जाएंगी।

सौर ऊर्जा पैदा करने में किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है और वातावरण पूरी तरह सुरक्षित रहता है। सोलर सेल एक बार लगा देने पर उसे किसी तरह के ईंधन की जरूरत नहीं होती। सूर्य की किरणें जो मुफ्त में उपलब्ध रहती हैं उसी की सहायता से बिजली बनाई जाती है। लोगों में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ानी चाहिए तभी हमारा वातावरण सुरक्षित रह सकता है। इस अवसर पर मुख्य रूप से एसएस गुसाईं स्टेट प्रेजिडेंट (एचपीएससी), सुरेशचन्द्र डिस्ट्रिक्ट प्रेजिडेंट (एचपीएससी), जयराम प्रधान, शम्मी यादव, सीएल गोयल, योगेश चौहान कॉ-ऑर्डिनेटर एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।