April 20, 2024

टूरिज्म अधिकारियों का अडियल रवैया बना शॉप कीपरों के लिए आफत

Poonam Chauhan/Alive News

फरीदाबाद : मेले में दुकानदार आर्थिक मंदी की वजह से मेले में व्यापार न होने से चिंतिति है, वहीं मेला प्राधिकरण अधिकारियों की वजह से दुकानदारों को सरकारी कैंटिन से उचित दामों पर मिलने वाला खाना बंद कर दिया गया। इसको लेकर दुकानदार और मेला अधिकारी आमने-सामने हो चुके है। उधर, कई दुकानदारों का कहना है कि वह लगातार 20 साल से सूरजकुण्ड मेले में अपनी कपड़े की स्टॉल लगाता आ रहा है और इसी कैंटिन में चाय और नाश्ता उचित दामों पर मिलता आ रहा है। अचानक 8 फरवरी को टूरिज्म अधिकारियों ने कैंटिनों पर दुकानदारों को मिलने वाले खाने की रोक लगा दी। दूसरी ओर मेला सिक्योरिटी का कहना है कि अवैध तरीके से कैटिंन चलाई जा रही थी जिसको बंद कराया गया है। सरकारी मैस सिर्फ पुलिस सुरक्षाकर्मियों के लिए है जबकि यह लोग मेले में आने वाले पर्यटकों और दुकानदारों को खाना बेचते थे, जिससे खाना बनाने वाले अन्य दुकानदारों को नुकसान हो रहा था।

क्या कहना है दुकानदारो का
स्टॉल मालिकों का संयुक्त रूप से कहना है कि पिछले 20 सालों से यही मैस उन्हें फूड प्रोवाईड कराता आ रहा था, लेकिन अब अचानक इसकी सुविधाओं को शॉप कीपरो के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हम सभी कहां जाएं और कहां से खाना खाएं। उन्होंने बताया कि इस मैस से उन्हे खाने की चीजे सस्ते दामों पर मिल जाती थी, लेकिन अब उन्हे वहीं खाना दूसरी स्टॉलों से दुगुनी किमतों में खरीदनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि शॉप किपरो के लिए टूरिज्म विभाग को कुछ रियायत देनी चाहिए लेकिन यहां हमें सुविधा के नाम पर केवल दिक्कते ही उठानी पड़ती है।

क्या कहते है मैस के प्रधान
मैस प्रधान ने बताया कि वह पिछले कई सालों से मेले में अपनी सुविधाएं दे रहे है। उन्होंने बताया कि यह मैस पुलिस के लिए है लेकिन पिछले कई सालों से इसी मैस से दुकानदारों को भी सुविधाएं दी जाती है लेकिन अब टूरिज्म विभाग के उच्च अधिकारियों के कहने पर शॉप कीपरो के लिए इस मैस को बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हमें शॉप किपरो को सुविधाएं देने में कोई दिक्कत नही है, यदि अधिकारी हमें आदेश देते है तो सेवाएं हम अभी से शुरू कर देंगे।

क्या कहते है अधिकारी
टूरिज्म ऑफिसर हरविन्दर सिंह का कहना है कि यह मैस पुलिस के लिए बनाया गया है न कि आम लोगों के लिए यहां से सिर्फ पुलिस को ही फूड प्रोवाईड कराया जाता है, किसी और को नहीं। अगर किसी को कुछ दिक्कत है तो वह जाकर उच्च अधिकारियों से बातचीत करें।

नेशनल अवार्डी धक्के खाने को मजबूर
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुण्ड मेले में देश के कोने-कोने से नेशनल अवार्डी अपनी कला के प्रदर्शन के लिए यहां आते है लेकिन व्यवस्था के नाम पर उन्हें यहां केवल निराशा ही हाथ लगती है, क्योंकि मेले में उन्हे 15 दिनों तक दर-दर की ठोकरे ही खानी होती है। मेला अधिकारियों की तरफ से उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाती है। ऐसे में उन्हें अपने खाने-पीने का इंतजाम किसी होटल या ढ़ाबे पर ही करना होता है, जिसको लेकर उन्हें काफी दिक्कते होती है।