April 23, 2024

बालाजी कॉलेज में आयोजित प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने ली भागेदारी

Faridabad : मलेरना रोड़ बल्लभगढ़ स्थित बालाजी कॉलेज में भारतीय नव वर्ष विक्रमी संवत 2075 के उपलक्ष्य में छठी महाविद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस में एक दर्जन भर महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाषण, कविता पाठ, सूर्य नमस्कार, सोलो डांस, पेंटिंग व डेकोरेशन साज-सज्जा में हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में एन.सी.सी के प्रणेता व चम्बल के डाकुओं का आत्मसमर्पण में आधार की भूमिका निभाने वाले डॉक्टर एस.एन सुब्बाराव मुख्य प्रवक्ता के रूप में उपस्थित हुए।

डॉ. सुब्बाराव, मुख्यातिथि कुल सचिव वाई.एम.सी.ए विश्वविधालय डॉक्टर संजय कुमार शर्मा, , गांधी शक्ति प्रतिष्ठान नई दिल्ली से रमेश शर्मा , प्रसिद्व पर्यावरण वैज्ञानिक सुबोध नंदन,साहित्यकार ज्ञानेन्द्र रावत व बालाजी कालेज के निदेशक जगदीश चौधरी नेे द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डॉक्टर एस.एन सुब्बाराव ने कहा कि विज्ञान ने बाहर की दुनिया में झांकने हेतू बड़ी-बड़ी दुरबीन बनाई परन्तु अन्तर मन में झांकने हेतु स्ंवय को जानने में विज्ञाव असमर्थ रहा है।

कार्यक्रम के मुख्यातिथ वाई.एम.सी.ए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर संजय कुमार शर्मा ने भारतीय संस्कृति व मानव चिंता को स्पष्ट करते हुए बताया कि किस प्रकार भारत विश्व गुरू कहलाया। उन्होंने कहा कि दर्शन सत्य के साक्षात्कार की विधा है। यह मानवीय चिंतन व व्यवहार का ठीक ठीक परिर्वतन कराता है श्क्षिा का मुल उद्वेश्य मानवीय व्यवहार में स्थायी सकारात्मक परिर्वतन ही है।

बालाजी कॉलेज के निदेशक जगदीश चौधरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की विशालता विज्ञान व दर्शन की समझ हेतु प्रतियोगिता संस्कार 2018 का आयोजन किया गया है। प्रति वर्ष आयोजित किए जाने वाली इस प्रतियोगिता के द्वारा नई पीढ़ी को सही दिशा देने व सर्व बेहतर निर्णय लेने हेतू वातावरण तैयार करना है।

पेंटिग, भाषण प्रतियोगिता में रावल कालेज व सूर्य नमस्कार में एडवांस कालेज के छात्रों ने पोजीशन प्राप्त की। प्रतियोगिता में प्रथम आने वाने छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वाई.एम.सी.ए विश्वविधालय के प्रोफेसर प्रदीप डिमरी, एडवांस कालेज की प्राचार्य डा लक्ष्मी शर्मा व बालाजी कालेज के प्राध्यापक संगीता सिह, ऊषा डागर, दीपा अरोडा, दिनेश, बबलू हिमाशु व मनु नरवाल सहित सैकडों विधार्थी मौजूद थे।