April 26, 2024

हरियाणा प्रदेश के लाखों कर्मचारी वर्गो की सूत्रीय मांगों को लेकर हुई वार्ता

Faridabad/Alive News : हरियाणा प्रदेश के लाखों कर्मचारी वर्गों की लाम्बित पड़ी अनेक सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार दवारा बुलाये गये निमंत्रण पर हरियाणा कर्मचारी महासंघ का शीर्ष नेतृत्व व प्रदेश सरकार के बीच दो दिवसीय वार्ता शुक्रवार तथा शनिवार को देर शाम तक हुई बातचीत के पश्चात भी दोनों तरफ से असमंजसम्य गतिरोध बना रहा|

हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कंवर सिंह यादव, प्रदेश महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि सरकार दवारा घोषित भत्तों पर पूरी तरह से असहमति जताते हुऐ हरियाणा कर्मचारी महासंघ के साथ किया गया छलावा बताते हुए कहा कि महासंघ के प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सचिव राजेश खुल्लर के साथ हुई बैठक के बाद कर्मचारी नेताओं ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों की मानी गई मांगों पर बनी सहमति को लागू किया जाये।

जिसके चलते लगातार जारी दो दिवसीय हुई तीन दौर की बातचीत में कर्मचारीयों की अहम मांगों पर सहमति बन गई थी। जिनमे पूर्णरूप से कर्मचारियों को मैडिकल कैशलेस सुविधा देना, कच्चे कर्मचारियों को समान काम समान वेतनमान देने, रिस्क एलाउंस देने, सभी कर्मचारियों के वेतन माह की सात तारीख तक देने अन्यथा डीडीओ के खिलाफ कार्यवाही करने पर सहमति बनी, कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाली, जोखिम कार्य करने वाले सभी कर्मियों का सरकारी खर्च पर बीमा करवाने पर सहमति आदि मुख्य मांगों पर बनी थी लेकिन प्रदेश की सरकार ने जो बारह भत्ते देने की बात कही है वह एक मई 2018 से देने पर आमादा हुई जिसके चलते आरोप लगाते हुए सरकार व कर्मचारी महासंघ के बीच गतिरोध बना रहा ।

जबकि महासंघ के नेताओं का कहना है कि केन्द्र में शिशु शिक्षा भत्ता एक बच्चे के लिये 2250 रुपये दिया है, जबकि हरियाणा की सरकार ने इसका आधा 1125 रुपये दिया है, जबकि अन्य भत्तों में भी इसी प्रकार की कटौती की गई है, सभी भत्ते केन्द्र की तर्ज पर एक जनवरी 2016 से दिये जायें व जल्द ही अमल में लाये जाने की उम्मीद की थी ।

परन्तु आर्थिक रूप से सरकार ने कर्मचारियों का लाखों रुपये का नुकसान भत्तों के रूप में नही किया जिसे किसी भी कीमत पर सहन नही किया जा सकता,उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि कच्चे कर्मचारियों को पकाक करने की पॉलिसी व 2004 के बाद लगे कर्मियों को पुरानी पेन्शन स्कीम के तहत लाने की माँग पर सरकार ने खुलकर कोई रुख स्पष्ट नही किया जिन बातों पर कर्मचारी महासंघ की सरकार से सहमत नही बनी और कहा कि हरियाणा कर्मचारी महासंघ प्रदेश के कर्मचारियों के हितों पर किसी प्रकार का डाका नही डालने देगा ।

आज सरकार दवारा इन भत्तों पर स्वयं-भू घोषणा करना इस बात का सबूत है कि सरकार अपने प्रदेश के कर्मचारियों के हितों को ध्यान में न रखते हुए अपने आप मनमर्जी से घोषणाएं कर रही है। इन असहमितियों से नाराज होकर अध्यक्षमण्डल ने कहा कि आगामी दस दिनों के अन्तराल में हरियाणा कर्मचारी महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाकर कर्मचारी महासंघ अपनी आगामी रणनीति तय करेगा ।

पीएससीएस खुल्लर के साथ की गई इस बैठक में हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कंवर सिंह यादव, महासंघ के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ के साथ-साथ वरिष्ठ उपप्रधान विश्वनाथ शर्मा, मुख्य संगठन सचिव कुलभूषण शर्मा, वित्तसचिव दिलबाग सिंह अहलावत, बालकुमार शर्मा, पहलसिंह तंवर, नरेंद्र धीमान, रामप्रसाद गलगत, कुलदीप शर्मा व ओमवीर सिंह मुख्यत: मीटिंग में शामिल थे ।