April 19, 2024

कला की पुस्तकें भरेंगी विद्यार्थियों के जीवन में अभिव्यक्ति के रंग

Gurujram/Alive News : कहते हैं कि जिन विचारों को शब्दों में नहीं ढाला जा सकता, उन्हें कला के जरिये बखूबी बयां किया जा सकता है। इसी सोच के साथ अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को विचारों की अभिव्यक्ति के लिए कला को माध्यम बनाया जा रहा है। इसके लिए अब स्कूलों की कला की पुस्तकों में बदलाव किए जाने की तैयारी चल रही है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के विशेषज्ञ कला की पुस्तक को नए कलेवर में लाने के लिए काम कर रहे हैं।

विजुअल आर्ट पर होगा फोकस
स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं के लिए अब कला की पुस्तकों में विजुअल आर्ट पर फोकस किया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक अब विद्यार्थियों को ऐसी पुस्तक दिए जाने की जरूरत है जिसमें वे अपने आसपास के माहौल, अपने विचारों व अपने ऑब्जर्वेशन व अनुभवों को कागज पर उतार कर उनमें रंग भर सकें। उनकी कलात्मकता को अब सीमाओं में नहीं बांधकर उन्हें खुले कैनवस पर मन की बात उतारने की छूट होगी। अब तक ऐसा होता था कि फूल, फल या किसी अन्य चीज को बेहद परंपरागत तरीके से बनाया सिखाया जाता था। ऐसे में बच्चे एक ही तरह के चित्र बनाते थे और उससे कोई खास फायदा भी नहीं होता था।

बदलेगी दशकों पुरानी पुस्तक

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) अब तकरीबन तीस साल पुरानी आर्ट बुक को बदलने की तैयारी कर रहा है। अब तक की किताब में सामान्य से चित्र और वैसे ही रंग थे। कला के क्षेत्र में आ रहे बदलावों व माध्यमों को देखते हुए विशेषज्ञ इसे पूरी तरह बदलकर समय के अनुसार बनाना चाहते हैं। एससीईआरटी की निदेशक ज्योति चौधरी के मुताबिक बच्चों में शुरुआत से ही विचारों की अभिव्यक्ति, वातावरण के अवलोकन व रचनात्मक क्षमता का विकास करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

आने वाले सत्र से हो सकेगी लागू
नई कला पुस्तक को बदलने का काम तेजी से चल रहा है। फील्ड से मिले फीड बैक, एनसीईआरटी के विशेषज्ञों के साथ विचारविमर्श व वर्कशॉप आदि की प्रक्रिया से गुजरते हुए अब करीकुलम डेवलपमेंट व पुस्तक की रूपरेखा तैयार करने का काम किया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले सत्र से यह पुस्तक लागू कर दी जाएगी।‘प्रारंभिक स्तर पर बच्चों में क्रिएटिव स्किल्स भरने के लिए कला पुस्तक में बदलाव किए जाने का काम किया जा रहा है।विजुअल आर्ट को जोर देते हुए बनाई जा रही इस पुस्तक में विद्यार्थियों को रेखाओं व रंगों से खेलने की छूट मिलेगी। वे स्वतंत्र होंगे अपने विचारों को कागज पर उतारकर उनमें अभिव्यक्ति के रंग भरने के लिए। इसपर अभी काम चल रहा है और उम्मीद है कि इस काम को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
-ज्योति चौधरी, निदेशक, एससीईआरटी।