April 26, 2024

दो घंटे पहले पैदा हुई बच्ची का बदलने लगा रंग, पिता ने कूडे में फेका

चीन में एक शख्स ने अपनी नवजात बच्ची को कचरे के डब्बे में फेंक दिया. उसके पैदा होने के बस दो घंटे बाद. बच्ची लाश नहीं थी. जिंदा थी.

नाम पता नहीं क्या था उसका. खबरों में बता रहे हैं कि सरनेम ली था. अपनी गर्लफ्रेंड के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था. लिव-इन माने बिना शादी के जोड़ा बनकर साथ रहना. उसकी गर्लफ्रेंड प्रेग्नेंट थी. दोनों एक बार भी डॉक्टर के पास जांच के लिए नहीं गए. आठवां महीना चल रहा था. एकाएक दर्द शुरू हुआ. इससे पहले कि अस्पताल जा पाते, बच्ची गर्भ से बाहर आने लगी. फिर घर में ही डिलिवरी हो गई. इतने तक तो सब ठीक था.

फिर ली और उसकी गर्लफ्रेंड ने देखा कि बच्ची के शरीर का रंग थोड़ा अजीब सा हो रहा है. बैंगनी सा. उन्हें लगा कि बच्ची को कोई बीमारी है. दोनों ने खुद से ही मान लिया कि अब ये बच नहीं पाएगी. डॉक्टर के पास ले नहीं जाना चाहते थे. इसीलिए दोनों ने फैसला किया कि बच्ची को फेंक आते हैं. पीछा छूटेगा. ली ने बच्ची को एक तौलिये में लपेटा. किसी रेस्तरां से खाना घर मंगवाया होगा पहले कभी. उसका थैला पड़ा था. उसी थैले में बच्ची को रखा और घर से निकल गया. फिर उसे वो सार्वजनिक डस्टबिन नजर आया. ली को लगा ये सही जगह है बच्ची को ठिकाने लगाने की. वहीं पर उसे फेंका और घर लौट आया.

एक बुजुर्ग ने बच्ची को बचाया
एक बुजुर्ग ने शायद बच्ची का रोना सुना. रोने की आवाज कचरे के डब्बे से आ रही थी. उन्होंने बच्ची को बाहर निकाला. वहां और भी लोग जुट गए. पुलिस को खबर की गई. पुलिस आई. वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला. उसमें उन्हें ली दिख गया. पुलिस ने उसे खोजकर अरेस्ट भी कर लिया. ली को जेल भेज दिया गया, जबकि उसकी गर्लफ्रेंड जमानत पर रिहा हो गई. जहां तक बच्ची की बात है, तो वो बिल्कुल ठीक है. अस्पताल में उसकी जांच हुई. सब ठीक निकला. अब उसको सरकारी बाल कल्याण विभाग वालों के पास भेज दिया गया है. वो ही उसका ख्याल रखेंगे.

इस मामले में एकदम सगे हैं भारत और चीन
लड़कियों की बेकद्री के मामले में चीन बिल्कुल हम भारतीयों जैसा है. वहां भी बेटी के पैदा होने पर लोग मुंह सड़ाते हैं. मानो कोई आफत आ गई हो. जब चीन में एक बच्चा पैदा करने का नियम था, तब तो ये खूब बढ़ गया था. लोग चाहते थे कि अगर एक ही बच्चा होना है, तो बेटा हो. बेटी न हो. लोग का मतलब है ज्यादातर लोग. अगर बेटी होती, तो उसे कहीं फेंक आते. या फिर गर्भ में ही जांच करवा लेते. बच्ची होने पर अबॉर्शन करके उसका किस्सा खत्म कर देते. भारत में ऐसा ही हाल है. ज्यादातर लोग बेटा चाहते हैं. बेटी की पैदाइश बुरी खबर मानी जाती है. हमारे यहां भी अक्सर ऐसी खबरें आती हैं. कि फलां जगह कचरे के डब्बे में नवजात बच्ची मिली. सरकार कानून बना सकती है. इंसान की सोच तो बदल नहीं सकती. सोच में ही घुन लगा हो, तो कोई क्या करे?