Nibha Rajak/Alive News
Faridabad : बीपी की समस्या आज के समय में आम है। स्वस्थ व्यक्तियों का भी बीपी हाई या लो हो जाता है। ऐसे में मरीज इलाज के लिए नागरिक अस्पताल का रुख करते है। घंटो लाइन में लगकर पर्ची बनवाने के बाद जब मरीज डॉक्टर की लिखी दवाई लेने अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर जाते है तो उन्हें दवाई के स्थान पर एक स्लिप मिलती है। जिसे लेकर उन्हें बाहर से दवाई ले लो ख़तम हो गयी है कहा जाता है। जी हां जिले के नागरिक अस्पताल और सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक जेनेरिक दवाईयों का अभाव है।
दरअसल, वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रोग से पीड़ित है ऐसे में आमजन अपने उपचार के लिए सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और नागरिक अस्पताल में जाते है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बीके अस्पताल के मेडिकल स्टोर में रोजमर्रा की बीपी, एंटी रैबीज एंजैक्शन, मांसपेशियों पर लगाने के लिए दर्द निवारक ट्यूब, दाद-खाज-खुजली के लिए लोशन आदि दवाइयां पिछले दो महीने से खत्म हो चुकी है। ऐसे में लोगो को बाहर से मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदनी पड़ती है।
मिलीजानकारी के अनुसार ये दवाइयां जल्दी मिलती भी नहीं है। ऐसे में नौकरी पेशा वाले आमजन इलाज के बाद दवाइयों के लिए मेडिकल- मेडिकल भटकते है। आपको बता दें कि विकल्प के रुप में दी जाने वाली बीपी की दवा एटीनोल सभी मरीज को सूट नहीं करती और इससे उनकी तबीयत बिगड़ जाती है। ऐसे में डॉक्टर इस दवा को नहीं लिखते। सरकारी मेडिकल स्टोर के कैमिस्ट एवं फार्मासिस्टों का कहना है कि उन्होंने गुरुग्राम स्थित ड्रग वेयर हाउस को खत्म हुई दवाईयों की आपूर्ति के विषय में उच्च अधिकारियों को जानकारी दे चुके है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में सोचने वाली बात यह है नागरिक अस्पताल में आम बीमारियों के लिए दवाइयां उपलब्ध नहीं है तो आपातकालीन स्थिति समस्या वाले लोगों का क्या हाल होगा।