April 24, 2024

हिमाचल प्रदेश के ऊना से गिरफ्तार हुए पेपर लीक के तीनो आरोपी

Faridabad : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 12वीं के अर्थशास्त्र का पेपर लीक होने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपितों को हिमाचल प्रदेश के ऊना से गिरफ्तार कर नौ दिन बाद बड़ी सफलता हासिल की है।

आरोपितों की पहचान ऊना स्थित डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के अर्थशास्त्र के सीनियर शिक्षक राकेश कुमार, क्लर्क अमित शर्मा व चपरासी अशोक के रूप में हुई है। आरोपितों ने 26 मार्च को हुई अर्थशास्त्र की परीक्षा का हस्तलिखित पेपर 23 मार्च को ऊना से वाट्सएप पर लीक कर दिया था। इसके बाद वाट्सएप गु्रप के जरिये पेपर दिल्ली के छात्र-छात्राओं के पास पहुंच गया।

विशेष आयुक्त अपराध शाखा आरपी उपाध्याय के मुताबिक, शिक्षक राकेश कुमार (40) डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में गत 10 वर्षो से पढ़ा रहा है। वहीं, अमित शर्मा इसी स्कूल में 16 साल से क्लर्क व अशोक 18 साल से चपरासी के पद पर कार्यरत है।

गिरफ्तारी के बाद स्कूल प्रबंधन ने तीनों को स्कूल से निकाल दिया है। दरअसल, राकेश कुमार को गत चार वर्षो से स्कूल के प्रधानाचार्य अपनी जगह सीबीएसई की परीक्षा में सेंटर सुप्रीटेंडेंट नियुक्त करते थे। इस कारण उसे सीबीएसई की परीक्षा के दिशा निर्देश, बैंकों में पेपर रखे होने, वहां से परीक्षा के सेंटर पर पेपर ले जाने व फिर बचे हुए पेपर को बैंक के स्ट्रांग रूम में रखने आदि सभी नियमों के बारे में जानकारी थी। इस बार भी परीक्षा में डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य ने राकेश कुमार को जवाहर नवोदय विद्यालय ऊना के परीक्षा केंद्र का सेंटर सुप्रीटेडेंट नियुक्त किया था।

गौरतलब है कि जवाहर नवोदय विद्यालय में तीन स्कूलों के सेंटर पड़े हैं। वहीं, गत 23 मार्च को सीबीएसई के कंप्यूटर साइंस का पेपर था। उस दिन परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले राकेश अपनी कार से ऊना के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में पेपर लेने गया। उसने डीएवी स्कूल के अमित शर्मा व अशोक को भी फोन कर सहायता के लिए बैंक बुला लिया था। दोनों एक कार से वहां पहुंचे।

इसके बाद बैंक के मैनेजर, अशोक व अमित को साथ लेकर राकेश स्ट्रांग रूम में गया। वहां 12वीं के कंप्यूटर साइंस के प्रश्नपत्र का बंडल निकालने के दौरान राकेश की नजर अर्थशास्त्र के एक छोटे बंडल पर पड़ी, जिसमें मात्र पांच पेपर थे। उसने उसमें से एक पेपर चोरी कर कंप्यूटर साइंस के पेपर के बंडल में रख दिया और जल्दी से अशोक व अमित के साथ स्ट्रांग रूम से निकल गया। बैंक से बाहर निकलने के बाद उसने अर्थशास्त्र का पेपर अशोक व अमित को थमा डीएवी स्कूल लौटने को कहा और खुद कंप्यूटर साइंस का पेपर लेकर जवाहर नवोदय विद्यालय आ गया।

डीएवी स्कूल पहुंचकर अमित ने अर्थशास्त्र के पेपर की तस्वीर खींचकर राकेश के वाट्सएप पर भेज दी। उधर, कंप्यूटर साइंस का पेपर खत्म होने के बाद राकेश अपने घर लौटा और पड़ोस में रहने वाली 12वीं की छात्रा को फोन करके घर बुला लिया। उसने सारे प्रश्न पढ़कर छात्रा से कोरे कागज पर लिखवा लिए और अमित द्वारा भेजी गई अर्थशास्त्र के पेपर की तस्वीर को डिलीट कर दिया। इसके बाद अपने मोबाइल से छात्रा द्वारा हस्तलिखित पेपर की तस्वीर खींची और उसे चंडीगढ़ में रह रही अपनी भाभी अंशू बाला को भेज दिया। फिर वहां से लीक पेपर दोपहर तक दिल्ली के छात्रों तक पहुंच गया।
ये हैं पेपर लीक के आरोपित

राकेश कुमार:

उम्र 40 साल, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के संतोषगढ़ का रहने वाला है। 2010 से डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, ऊना में कार्यरत था। उसकी शैक्षणिक योग्यता एमकॉम, बीएड व एमफिल है। उसने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एमकॉम और कश्मीर विश्वविद्यालय से बीएड किया है। स्कूल में वह कॉमर्स व अर्थशास्त्र पढ़ाता था।

अमित शर्मा:

ऊना के जखेड़ा गांव का रहने वाला है। डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में वह 16 साल से बतौर क्लर्क तैनात था। राकेश कुमार का करीबी है।

अशोक:

ऊना के जखेड़ा गांव का रहने वाला है। डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में 18 साल से चपरासी था। अशोक भी राकेश कुमार का करीबी है।