April 26, 2024

अनोखी परंपरा: दूल्हे की बहन करती है, भाभी के साथ शादी

अहमदाबाद : देश में विवाह से जुड़ी कई परंपराएं हैं, लेकिन गुजरात का एक आदिवासी गांव इस मामले में थोड़ा अलग ही कहा जा सकता है। जी हां, क्योंकि यहां दूल्हा नहीं, बल्कि उसकी बहन बरात लेकर दूल्हा नहीं, उसकी बहन जाती है। वहीं शादी की सारी रस्में करती हैं। शादी की इस रस्म में बहन भाई के लिए रक्षा कवच का काम करती है। बहन अपनी भाभी के साथ लेती है सात फेरे…

– सुरखेड़ा एक आदिवासी गांव है, जहां एक परंपरा है, जिसमें शादी की सारी रस्में अनोखे तरीके से निभाई जाती हैं।
– परंपरा के अनुसार शादी के दिन दूल्हे को अपने घर पर ही रहना होता है। उसकी बहन दुल्हन के घर जाकर शादी की सारी रस्में पूरी करती है।
– सुरखेड़ा निवासी भरत 5 मई को शादी के दिन घर पर ही रहा। उसकी बहन वेचाली ने दुल्हन रजनी रतवा के साथ शादी की सभी रस्में निभाईं। ननद-भाभी दोनों ने अग्नि के सात फेरे भी लिए।

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केवल तीन गांवों में ही यह परंपरा
– यह अनोखी परंपरा यहां के केवल तीन गांवों में ही है। गावों के नाम हैं… सुरखेड़ा, सनादा और अम्मब।
– इस परंपरा के बारे में मान्यता है कि इन गांवों के देवता अविवाहित थे और विवाह के बाद दूल्हे के लिए परेशानियां खड़ीं हो सकती थीं।
– इसलिए पुरुषों को शादी में भाग नहीं लेने दिया जाता। दूल्हे की कोई कुंवारी बहन शादी की अगुवाई करती है और बरात लेकर दुल्हन के घर जाती है।
– ऐसा करते हुए वह भाई के लिए रक्षा कवच का काम करती है।
– सगी बहन न होने की स्थिति में वह बहन भी यह रस्म निभा सकती है, जिसने उसे राखी बांधी हो।
– इन तीनों गांव में आज तक किसी दूल्हे को बरात के साथ जाते हुए नहीं देखा गया।
– दूल्हा अपनी दुल्हन से तभी मिल सकता है, जब उसकी बहन अपनी भाभी को लेकर अपने भैया के यहां नहीं पहुंच जाती।