March 29, 2024

वार्ड-9 में लगा समस्याओं का अंबार, क्षेत्रवासी परेशान

Faridabad/Alive News : फरीदाबाद को बेशक स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया हुआ है, लेकिन स्मार्ट सिटी में आने वाले नगर निगम वार्ड-9 के लोग मूलभुत सुविधाओं के अभाव में नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। लोगों ने स्थानीय पार्षद, सबंधित विधायक को अपनी समस्याओं की लगातार शिकायत की, लेकिन कई साल गुजर गए इनकी सुध लेने वाला कोई नही आया।

करीब पांच महीनों से वार्ड निवासी स्वच्छ पानी की बूंद-बूद के लिए तरस रहे है। नाली के पानी की निकासी न होने के कारण घरों से निकलने वाला गंदा पानी खाली प्लॉट में जमा हो रहा है। तों वहीं वार्ड में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी न पहुचनें पर लोगों ने उन्हीं खाली प्लॉट को डस्टबीन बना लिया है। इसके कारण वार्ड में सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई है।

गली में बिना स्ट्रीट लाईट के खंभे शो पीस का काम कर रहे है। लोगों का आरोप है कि नेता यहां सिर्फ चुनावों के वक्त वोट की लालसा में हाथ जोड़े नजर आते है, और चुनाव जीतने के बाद कोई उन्हें इन गंदगी भरे माहोल से निजात दिलाने की बात तो दूर, समस्याओं की सुध लेने तक नही आता।

क्या कहते है स्थानीय निवासी-
वार्ड-9 के अंतर्गत आने वाले आंनदी गली, होली चौके के निवासी मथुरा देवी, अंजु, अभिराज देवी, ममता, गिरिराज सिंह, निशा, गीता, सरताज खान, अनिल कुमार, नीरज का कहना है वार्ड में स्वच्छ पानी भी नही आता है, और न ही सीवर जाम जैसी समस्याओं से निजात मिल रही है। लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए प्राईवेट टैंकर से एक दिन में 2-2 सौ रूपए पानी पर खर्च करने के लिए मजबूर है।

बावजूद इसके निगम ने घर-घर में पानी, सीवर टैक्स के नाम पर १६-१६ सौ रूपए के बिल थमा दिए। लेागों का कहना है कि वार्ड में कूड़ा उठाने वाल गाड़ी न पहुंचने के कारण मजबूरी में खाली प्लाटों में ही कूड़ा फेकना पड़ता है, जिससे गंदगी के ढेर में उठने वाली दुंर्गध के कारण लोगों का सांस लेना भी मुहाल हो गया है। लेकिन उनकी समस्याओं से निजात दिलाने वाले अधिकारियों को सुध लेने की भी फुर्सत तक नही है।

लोगों का यह भी कहना है कि निगम ने भले ही पानी की निकासी के लिए नालिंया बनाई हुई है, लेकिन पानी निकासी के लिए कोई विकल्प ही नही बनाया जिसके कारण, घरों से निकलने वाला गंदा पानी एक-दूसरे के घर में जाने के कारण लोगों का आपस होने वाला विवाद आफत बन गया है। स्ट्रीट लाईट न लगे होने के कारण रात को अंधेरे में डर के सायं में रहना पड़ता है।

वार्ड-9 के पूर्व प्रत्याशी मेहरचंद हरसाना का कहना है, कि वार्ड में विकास तो नही, पर समस्याओं का अंबार जरूर लगा हुआ है। वह बताते है, जिस विश्वास के साथ जनता ने दोबारा उसी पार्षद को चुना था, वह पार्षद जनता के विश्वास पर खड़े उतर पाने में नाकामयाब साबित हुए है। क्योंकि जब पार्षद के पास बहन-बेटियां अपनी समस्याओं को लेकर जाती है, तो उन्हें वहां से सुनाकर-धमकाकर जाने को कह दिया जाता है।

एक तरफ भाजपा सरकार में बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए इतनी जद्दोजहद करना और दूसरी तरफ उनके ही पार्षद द्वारा बहन-बेटियों के साथ ऐसा व्यवहार करना कितना उचित है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है, भाजपा सरकार में जिन अधिकारियों को जनता की सेवा के लिए चुना गया था, वहीं अधिकारी उनके अभियान को पलिता लगा रहे है।

क्या कहते है स्थानीय पार्षद-
स्थानीय पार्षद महेंद्र भड़ाना से उक्त समस्या से संबधित मोबाईल पर बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि वह अभी शहर से बाहर है बाद में मुलाकात करेंगे।