April 20, 2024

अगर नही है आधार कार्ड तो, AIIMS में देना होगा 10 गुना शुल्‍क

New Delhi/Alive News : मरीजों को आधार नंबर से जोडऩे के मकसद से एम्स जल्द यह योजना लागू करेगा जिससे आधार कार्ड होने पर मरीजों का ओपीडी कार्ड एम्स में निशुल्क बन सकेगा। वहीं पंजीकरण के लिए आधार नंबर उपलब्ध नहीं कराने वाले मरीजों को ओपीडी कार्ड के लिए 10 रुपये की जगह नए साल में 100 रुपये भुगतान करने पड़ेंगे।

इससे आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती है। हालांकि एम्स प्रशासन का कहना है कि बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के मरीजों को निशुल्क ओपीडी कार्ड बनाया जाएगा। एम्स के कंप्यूटरीकरण विभाग के चेयरमैन डॉ. दीपक अग्रवाल ने नोटबंदी के बाद कैशलेस भुगतान के लिए संस्थान में किए गए उपायों और आगामी योजनाओं के संदर्भ में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि मरीजों को सुविधा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं।

अस्पताल में ईसीजी सहित कई जांचों के लिए 10-15 रुपये शुल्क तय था। 15 रुपये तक के शुल्क वाले सभी जांच मुफ्त कर दिए गए हैं। जल्द ही अस्पताल में इलाज के लिए आधार नंबर से पंजीकरण कराने वाले मरीजों को पंजीकरण शुल्क नहीं देना पड़ेगा। मरीजों का निशुल्क ओपीडी कार्ड बन सकेगा। वर्तमान समय में ओपीडी में इलाज के लिए 10 रुपये पंजीकरण शुल्क लगता है। मरीज ऑनलाइन या अस्पताल पहुंचकर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पाया गया है कि ज्यादातर मरीज पंजीकरण के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल नहीं करते।

पंजीकरण के दौरान हर मरीज को संस्थान की ओर से एक विशेष पहचान नंबर दिया जाता है। 20 फीसद मरीज पांच से छह बार अपना पंजीकरण करा चुके होते हैं। ऐसे में अस्पताल के डेटाबेस पर बोझ बढ़ रहा है। मरीजों के पंजीकरण को आधार नंबर से जोडऩे पर यह समस्या दूर हो जाएगी। एक बार आधार नंबर से जुडऩे के बाद मरीजों को अस्पताल में बार-बार पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

एम्स ने मरीजों को आधार नंबर से जोडऩे की स्वीकृति केंद्र सरकार से मांगी थी। सरकार ने जवाब दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आधार कार्ड जरूरी कर किसी को सेवा देने से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए आधार नंबर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और मरीजों को प्रोत्साहन देने के लिए यह फैसला लिया गया है कि आधार नंबर के जरिये मरीज निशुल्क पंजीकरण कर सकेंगे।

एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 10 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में योजना लागू होने पर जो मरीज बगैर आधार नंबर के एम्स में इलाज के लिए पंजीकरण कराते हैं तो उन्हें अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। एम्स के प्रवक्ता डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि देश में करीब 90 फीसद लोगों के पास आधार कार्ड है। उन लोगों को सुविधा का फायदा भी उठाना चाहिए।